Opinion- अब राजनीति में आया राम गया राम पर कोई ध्यान नहीं देता, ये नया दस्तूर है सियासत का

दो अक्टूबर को प्रियंका के लखनऊ मार्च में अदिति शामिल हुई नहीं, फिर पार्टी का फैसला था , उसका व्हिप भी जारी हुआ था।

New Delhi, Oct 04 : रायबरेली से युवा कांग्रेस विधायक अदिति सिंह का भी दल बदलना अब लगभग तय है . अदिति के पिता अखिलेश सिंह , जिनकी एक बाहुबली की छबि थी, का एक महीने पहले ही देहावसान हुआ था . कहा जाता है कि विदेश में शिक्षित अदिति को राजनीति में लाने का श्रेय और प्रोत्साहन राहुल गांधी ने किया था .

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कुछ महीने पहले जिला पंचायत के चुनाव में अदिति पर जानलेवा हमाला हुआ था, जिसका विरोध प्रियंका गांधी ने मुखर रूप से किया था, समझा जाता है कि पिता के देहावसान के बाद अदिति अपने परिवार के उन सदस्यों के दवाब में आ गयीं जो पहले ही कांग्रेस छोड़ कर भा ज पा में जा चुके हैं, इनमें एम् एल सी दिन्सेह सिंह का नाम सबसे आगे हैं .

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दो अक्टूबर को प्रियंका के लखनऊ मार्च में अदिति शामिल हुई नहीं, फिर पार्टी का फैसला था , उसका व्हिप भी जारी हुआ था , लेकिन अदिति न तो मार्च में शामिल हुयीं और न ही व्हिप को माना, वे विधान सभा गयीं और मुख्य मंत्री से मिलीं . पत्रकारों के जवाब में उन्होंने कह दिया–” मैं शिक्षित हूँ, मुझे जो ठीक लगा मैंने किया, मुझे विकास से मतलब है “

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आज ही विकास दिख भी गया और अदिति को राज्य शासन ने जेड केटेगरी की सुरक्षा प्रदान कर दी. अब आया राम गया राम पर कोई ध्यान नहीं देता , यह न्य दस्तूर बन गया है सियासत का।

(वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)