इंजीनियर बनने वाले थे, लेकिन पिता की एक सलाह से बदल गई जिंदगी, टीम इंडिया को ऐसे मिले जहीर खान

जहीर खान की प्रतिभा को देखते हुए 17 साल की उम्र में उनके पिता उन्हें मुंबई लेकर आये, शिवाजी पार्क जिमखाना के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 7 विकेट ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया।

New Delhi, Oct 07 : टीम इंडिया के पूर्व स्टार गेंदबाज जहीर खान आज 41 साल के हो गये हैं, महाराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नाम कमाने वाले जहीर ने अपने बॉलिंग एक्शन से सबका ध्यान खींचा था, 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे से अपना डेब्यू करने वाले जहीर के नाम कई उपलब्धियां है, उनका जन्म 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर कस्बे में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, उनके पिता फोटोग्राफर और मां टीचर थीं, स्कूल खत्म होने के बाद जहीर ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में दाखिला लिया, उनका मन क्रिकेट में भी खूब लगता था।

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पिता ने कहा क्रिकेटर बनो
पूर्व क्रिकेटर सुधीर नाईक ने जहीर को पूरी तरह से क्रिकेट में आने को कहा, जिसके बाद उनके पिता ने भी उनसे कहा, कहा कि देश को इंजीनियर कई मिल जाएंगे, जाओ और क्रिकेट खेलो, देश का नाम रोशन करो, जहीर खान ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में कुल 610 विकेट लिये, जिसमें टेस्ट में 311, वनडे में 282 और टी-20 में 17 विकेट है।

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17 साल की उम्र में मुंबई पहुंचे
जहीर खान की प्रतिभा को देखते हुए 17 साल की उम्र में उनके पिता उन्हें मुंबई लेकर आये, शिवाजी पार्क जिमखाना के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 7 विकेट ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया, जिसके बाद मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में उन्हें चुन लिया गया, फिर तेज गेंदबाज को एमआरएफ पेस फाउंडेशन में कोचिंग मिली, जहां कोच डेनिस लिली ने कहा कि ये लड़का एक दिन टीम इंडिया के लिये गेंदबाजी करेगा, इसके बाद जहीर सफलता की सीढियां चढते गये, फिर टीम इंडिया में चुन लिये गये। फिर जो हुआ वो सबको पता है।

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देश के सबसे कामयाब गेंदबाजों में एक
जहीर टीम इंडिया के लिये सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में चौथे स्थान पर हैं, उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले (619 विकेट), कपिल देव (437 विकेट) और हरभजन सिंह (411 विकेट) हैं, अगर तेज गेंदबाजों की बात करें, तो वो कपिल देव के बाद दूसरे स्थान पर हैं, जब बात बायें हाथ के बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने की हो, तो जहीर लाजवाब साबित होते थे, उन्होने 237 बार बायें हाथ के बल्लेबाजों को आउट किया, इस सूची में वो तीसरे स्थान पर रहे, श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (325 ) और शॉन पोलक (252) उनसे आगे हैं।

विश्वकप में सबसे कामयाब भारतीय गेंदबाज
जहीर खान ने आईसीसी विश्वकप में हर बार शानदार प्रदर्शन किया, 2003 और 2011 विश्वकप उनके लिये शानदार रहे, 2003 में टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची थी, तो 2011 में विश्व विजेता बनी, विश्वकप इतिहास में जहीर ने कुल 44 विकेट लिये, विश्वकप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में वो पांचवें स्थान पर हैं, तो भारतीयों में सबसे आगे।