IAS इंटरव्‍यू में पूछा सवाल: हिंदू-मुस्लिम में किसका देंगी साथ? इस जवाब से सेलेक्ट हुई साक्षी

इस पर साक्षी ने कहा कि विधायक को निजी तौर पर जानने के बावजूद एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होने के नाते मेरा निर्णय सेम ही रहेगा । यदि दल अलग समय के लिए राजी नहीं होते हैं तो मैं उन्हें जुलुस निकलने की इजाजत नहीं दूँगी ।

New Delhi, Oct 21: UPSC परीक्षा की तैयारी में हर साल हजारों युवा अपने दिन रात एक कर देते हैं । कई प्री और फिर मेंस निकालने में कामयाब भी हो जाते हैं । लेकिन इंटरव्‍यू राउंड तक आते-आते कईयों का दम ही निकल जाता है । वजह है इस इंटरव्‍यू में पूछ जाने वाले पेचीदा सवाल । जिन्‍हें पूछकर अधिकारी उम्‍मीदवारों की समझ की परख करते हैं । उन्‍हें टटोलते हैं कि किस सिचुएशन में कैंडिडेट किस तरह से काम करेगा । कई सवाल ऐसे भी होते हैं जो सिचुएशनल भी होते हैं । कुछ ऐसे ही सवाल आज हम आपके सामने ला रहे हैं, 2017 यूपीएससी की परीक्षा में साक्षी गर्ग से किस तरह के सवाल पूछे गए और उन्‍होने उनके क्‍या जवाब दिए ।

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IRS अफसर हैं साक्षी
2017 की यूपीएससी परीक्षा में 350वीं रैंक लाने वाली साक्षी गर्ग वर्तमान में इंडियन रेवेन्यू सर्विस  में  असिस्टेंट कमिश्‍नर हैं । साक्षी का जब इंटरव्यू हुआ तो अधिकारियों ने उनसे हिंदू मुस्लिम को लेकर एक रोचक सवाल पूछा । सवाल पेचीदा था, लेकिन इसका जवाब साक्षी ने बहुत अच्छे अंदाज़ में जवाब दिया । साक्षी से सवाल किया गया – मान लो आप यूपी के किसी जिले की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बन जाती हैं । अब एक दिन आपके पास हिंदू समाज आता हैं और बोलता हैं हमें रामनवमी के दिन जुलुस निकलना हैं । फिर अगले दिन मुस्लिम समाज आता हैं और वो भी उसी दिन, उसी समय और उसी रूट पर ताजिया निकलने की परमिशन मांगता हैं । ऐसे में आप क्या करेंगी?

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साक्षी गर्ग ने दिया जवाब
साक्षी ने इसका जवाब देते हुए कहा – मैं दोनों धर्मों की भावनाओं का सम्मान करती हूँ क्योंकि ये दोनों ही अपने समाज का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं । इसलिए में इस स्थिति से निपटने हेतु उनके लीडर से बात करुंगी । पहले मैं उन्हें रामनवमी और ताजिये के लिए अलग अलग रूट चुनने को कहूंगी । यदि वो नहीं मानते तो फिर उन्हें एक ही दिन अलग अलग समय पर अपना जुलुस निकालने के लिए कहूंगी । इस तरह दोनों की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचेगी ।

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एक और सवाल का यूं दिया जवाब
साक्षी के जवाब से असंतुष्‍ट अधिकारी ने फिर उनसके पूछा कि यदि दोनों दल एक ही समय पर जुलुस निकालने के लिए अड़ जाए तो आप क्या करेंगी ? इस पर साक्षी ने कहा राज्य की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होने के नाते मेरे पास अधिकार हैं कि मैं उन दोनों ही दलों को जुलुस निकालने से मना कर सकती हूं । मैं उनके सामने ऑप्शन रखूंगी कि या तो वे दोनों अलग अलग समय पर अपना जुलुस निकाले या मैं दोनों के ही जुलुस निकालने की परमिशन नहीं दूंगी ।

रौबदार हों एक दल के लोग तो क्‍या करेंगी
इसके बाद उनसे पूछा गया कि यदि आप दोनों दलों को मना करती हैं लेकिन एक दल का लीडर विधायक का भाई निकलता हैं तो आप क्या करेगी । ये विधायक रोज आपके साथ बैठता हैं । अपने भाई की सिफारिश भी करता हैं । ऐसे में क्या करेंगी? इस पर साक्षी ने कहा कि विधायक को निजी तौर पर जानने के बावजूद एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होने के नाते मेरा निर्णय सेम ही रहेगा । यदि दल अलग समय के लिए राजी नहीं होते हैं तो मैं उन्हें जुलुस निकलने की इजाजत नहीं दूँगी ।

सीनियर का आदेश होने पर क्‍या करेंगी
इसके बाद अधिकारी ने उनसे पूछा कि चलो मान लिया आप ने विधायक को मन कर दिया और वो आपकी बात मान भी गया । अब यदि मंडल आयुक्त में जो आप से दस साल सीनियर कमीशनर हैं वो आपसे आ कर बोले कि एक दल को परमिशन दो और दूसरे को मत दो तब आप क्या करेंगी ? याद रहे वो आपके सीनियर हैं, रोज मीटिंग में आपके साथ होते हैं । इस पर साक्षी ने कहा कि तब मैं सीनियर से विनती करुँगी कि वो मुझे ये बात रिटन में लिख कर दे । ताकि बाद में यदि इस फैसले से कोई दंगा होता हैं तो उसकी जिम्मेदार मैं नहीं रहूंगी । अधिकारी तब कहते हैं आप रिटन कॉपी मांगेगी तो वे नाराज़ हो जाएंगे । आपकी कैरेक्टर वॉल पर खराब फीडबैक देंगे जिसके चलते आपका प्रमोशन भी खराब हो सकता हैं । इस पर साक्षी ने कहा कि मेरा प्रमोशन मेरे काम पर निर्भर करता हैं । इस तरह के पॉलिटिकल प्रेशर आते रहेंगे । लेकिन यदि कोई गलत काम करुंगी तो इसका असर मेरे काम पर नेगेटिव ही रहेगा ।  इसलिए मैं उनसे रिटन कॉपी देने पर अड़ी रहूंगी ।