क्या इसलिये संघर्ष करते दिख रहे हैं मनोहर लाल खट्टर, इस वजह से हरियाणा में बीजेपी की हुई ऐसी स्थिति

मनोहर लाल खट्टर का अहंकार और टिकट बंटवारे में गड़बड़ी बीजेपी को डुबोती नजर आ रही है, कम से कम 75 प्लस का नारा तो फ्लॉप साबित हो गया।

New Delhi, Oct 24 : कहां तो हरियाणा में 75 प्लस का नारा दिया गया था, और कहां मनोहर लाल खट्टर कांग्रेस से कड़े मुकाबले में अपनी सीट भी बचाने के लिये संघर्ष करते दिख रहे हैं, मतगणना के शुरुआती रुझानों को देखकर ऐसा लग रहा है कि कम से कम बीजेपी को वो ख्वाब तो चकनाचूर हो रहा है, जिसमें उन्होने 1977 चुनाव के ताऊ देवीलाल वाले रिकॉर्ड को तोड़ने का लक्ष्य रखा था, 4 महीने पहले ही सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी की स्थिति ऐसी हो गई, कि कांग्रेस उन्हें जोरदार टक्कर देती दिख रही है।

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टिकट वितरण में गडबड़ी
हरियाणा के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि पीएम मोदी से लोगों की इतनी नाराजगी नहीं है, जितनी सीएम मनोहर लाल खट्टर से है, खट्टर का अहंकार और टिकट बंटवारे में गड़बड़ी बीजेपी को डुबोती नजर आ रही है, कम से कम 75 प्लस का नारा तो फ्लॉप साबित हो गया, राजनीतिक एक्सपर्ट ने कहा कि खट्टर जनता के बीच से निकले नेता हैं, लेकिन इस बार जनता ने उन्हें नकार दिया है, उनसे कई मंत्री और विधायक भी नाराज हैं, कई बार कार्यकर्ता को सेल्फी लेने पर डांट देते थे, तो कभी फरसा दिखाकर गर्दन काटने की धमकी देते थे, यही सब बातें उनके खिलाफ गई।

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अति आत्मविश्वास
राजनीतिक एक्सपर्ट ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर ने अति आत्मविश्वास में टिकटों का बंटवारा किया था, उन्होने कई ऐसे नेताओं के टिकट काट दिये, जो जीताऊ थे, उन लोगों ने भितरघात किया, जिसका पार्टी को नुकसान हुआ है, खट्टर के खिलाफ उनके विधायक तीन बार बैठक कर चुके हैं, विधायकों का आरोप था कि उनकी सुनवाई नहीं होती।

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नौकरशाही हावी
खट्टर राज में नौकरशाही हावी रही, जबकि जनता के प्रतिनिधि हाशिये पर रहे, दूसरी बात मनोहर लाल खट्टर गैर जाट हैं, जबकि हरियाणा की सियासत जाटों के ईद-गिर्द घूमती है, ऐसे में जाटों की नाराजगी का भी रुझान दिख रहा है। रुझानों के अनुसार बीजेपी 40 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 33, जेजेपी 11 और अन्य 06 सीटों पर बढत बनाये हुए है।