बेटे का करियर बनाने के लिए बाप का संघर्ष, कारोबार खत्म, आज बेटा बन गया सुपरस्टार
बच्चों को देर नहीं लगती ये कहते कि माता-पिता ने उनके लिए क्या किया है । लेकिन ये उनका संघर्ष ही है जिसकी वजह से बच्चे उस मुकाम तक पहुंचते हैं जहां से जीवन उतना मुश्किल नहीं रह जाता ।
New Delhi, Oct 25: गुरुवार को बांग्लादेश दौरे के जब टीम इंडिया का चयन हुआ तो राजेश दुबे नाम के शख्स की खुशी का ठिकाना नहीं रहा । उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया । वजह थी, उनके बेटे शिवम को भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिलना । अब बेटे की इस कामयाबी पर पिता का फूला ना समाना तो बनता ही है । यह राजेश दुबे का जुनून ही था जिन्होने अपने बेटे के क्रिकेटिंग करियर के लिए अपना कारोबार तक दांव पर लगा दिया ।
4 साल की उम्र से ट्रेनिंग की शुरू
शिवम दुबे जब 4 साल के थे तभी उनके पिता को आभास हो गया था कि उनका बेटा क्रिकेट मेंकुछ कमाल कर सकता है । शिवम को बल्ला चलाते देख घर के नौकर ने उन्हें इशारा किया था । पिता ने जब खेल देखा तो भविष्य का क्रिकेटर दिखने लगा । और अब जब उन्हें बेटे के टीम इंडिया में चुने जाने की खबर मिली, तो उनका सीना गर्व से चौड़ा होना लाजमी सा था ।
India’s squad for T20I series against Bangladesh: Rohit Sharma(Capt), Shikhar Dhawan, KL Rahul, Sanju Samson, Shreyas Iyer, Manish Pandey, Rishabh Pant(wk), Washington Sundar, Krunal Pandya, Yuzvendra Chahal, Rahul Chahar, Deepak Chahar, Khaleel Ahmed, Shivam Dube, Shardul Thakur
— BCCI (@BCCI) October 24, 2019
आर्थिक संकट से नहीं टूटे
शिवम दुबे के पिता का जीवन कठिनाईयो से भरा रहा । बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए कितने ही आर्थिक संकट झेलने पड़े, लेकिन न पिता ने हिम्मत हारी और न ही शिवम ही अपनी साधना से टस से मस हुए । पिता के सपने को अपना जीवन और भविष्य मानकर शिवम ने भी जमकर क्रिकेट प्रैक्टिस की । घर में ही विकेट तैयार की गई, वहीं सुबह-शाम घंटों प्रैक्टिस होती रही । शिवम को कोचिंग देने का जिम्मा भी खुद पिता राजेश ने अपने कंधों पर उठाया।
पर्सनल केयर, पर्सनल कोचिंग
पिता ने अपने बेटे के लिए खास डाइट तैयार की, उसे पर्सनली कोच किया । ग्राउंड में दौड़ाया, रात में रोज मालिश भी की । राजेश दुबे ग्राउंड में शिवम को रोजाना 500 गेंद फेंकते, यह सिलसिला 10 साल तक निर्बाध रूप से चलता रहा । करीब 14 साल की उम्र में शिवम ने चंद्रकांत पंडित से कोचिंग लेनी शुरू की । आपको बता दें मुंबई में पले-बढ़े और जन्में शिवम उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। बेटे को क्रिकेटर बनाने के जुनून में पिता का जींस का कारोबार भी बिक गया। शिवम भी अपने पिता के इस संघर्ष को खूब समझते हैं, इसीलिए उनकी मेहनत भी रंग लाई है ।