इधर पवार-राउत की हुई मुलाकात, तो उधर अहमद पटेल गडकरी से मिले, चढ़ा राजनीतिक पारा हुआ बड़ा ऐलान

हम उसी प्रस्ताव पर राज़ी होंगे. पार्टी को कोई नया प्रस्ताव मंजूर नहीं है । गठबंधन 50-50 के फॉर्मुले पर बना था और अब उसी पर आगे कोई बात होगी । राउत ने कहा कि अब चुनाव बाद बीजेपी अपने वादों से पीछे हट रही है ।

New Delhi, Nov 06: महाराष्ट्र में सियासी पारा चरम पर है । विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 12 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार बनाने को लेकर किसी भी दल में गठबंधन नहीं हो पाया है । राज्‍य में एक और सरकार गठन की डेडलाइन नजरदीक है, वहीं प्रमुख दल अब भी पशोपेश में हैं । अगले 3 दिनों में सरकार गठन नहीं होता तो महाराष्‍ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है ।

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कांग्रेस नेता की गडकरी से मुलाकात
सियासी खींचतान के बीच आज सुबह ही कांग्रेस नेता अहमद पटेल, बीजेपीनेता नितिन गडकरी से मिलने उनके घर पहुंचे । हालांकि इस मुलाकात के पीछे की वजह वर्तमान राजनीतिक संकट नहीं बताया गया है । पटेल ने मुलाकात के पीछे किसानों की समस्याओं को कारण बताया ।  हालांकि इस माहौल में ऐसी मुलाकात के मायने राजनीतिक हालातों से जोड़कर ही निकाले जा रहे हैं ।

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राउत भी पवार से मिले
बताया जा रहा है कि आरएसएस ने महाराष्ट्र में शिवसेना को मनाने का जिम्मा नितिन गडकरी को सौंपा है जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को महाराष्ट्र की राजनीति में नजर रखने का जिम्मा दिया है । ऐसे में ये मुलाकात बहुत मायने रखती है । इस मुलाकात से इतर आज सुबह ही एक बार फिर शिवसेना के बड़े नेता और प्रवक्‍ता संजय राउत एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले ।

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50-50 के फॉर्मुले पर अड़ी है शिवसेना
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार सुबह एक बार फिर कहा कि चुनाव से पहले जो प्रस्ताव बीजेपी को दिया गया था, हम उसी प्रस्ताव पर राज़ी होंगे. पार्टी को कोई नया प्रस्ताव मंजूर नहीं है । गठबंधन 50-50 के फॉर्मुले पर बना था और अब उसी पर आगे कोई बात होगी । राउत ने कहा कि अब चुनाव बाद बीजेपी अपने वादों से पीछे हट रही है । वहीं दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के एक बयान ने सस्‍पेंस बढ़ा दिया है । आज एनसीपी चीफ शरद पवार ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि शिवसेना से सरकार बनाने पर कोई बात नहीं हुई है। बीजेपी और शिवसेना की 25 साल से युति है और उन्हें ही सरकार बनाना चाहिए।