2 मिनट में जानिए, जेएनयू में क्‍यों हंगामा मचा हुआ है

दिल्‍ली के जेएनयू में हंगामा मचा हुआ है, छात्र सड़कों पर हैं और पुलिस उन्‍हें रोकने की तमाम कोशिशों में जुटी है । पढ़ें पूरी खबर, जानें इस हंगामे के पीछे क्‍या वजह है ।

New Delhi, Nov 11: दिल्ली में जेएनयू के छात्र सड़क पर हैं, कॉलेज में अचानक हुई फीस वृद्धि और ड्रेस कोड के विरोध में छात्रों ने आज जोरदार प्रदर्शन किया । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की मांग है कि छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाए, जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है । प्रशासन की ‘छात्र-विरोधी’ नीतियों के खिलाफ सोमवार को जेएनयू के सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया ।

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दो हफ्ते से कैंपस में चल रहा था प्रदर्शन
छात्रों का ये प्रदर्शन आज सड़कों पर आ गया, जबकि इससे पहले वो अपनी मांगों को लेकर छात्र   पिछले दो हफ्ते से कैंपस के अंदर प्रदर्शन कर रहे थे । छात्र कुलपति से मिलना चाहते थे, उनकी मांग थी कि मसौदा छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाये जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है । प्रदर्शन कर रहे छात्र अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर बढ़ना चाहते थे लेकिन गेटों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए ।

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छात्रों ने क्‍या कहा
द वायर के जर्नलिस्‍ट से बात करते हुए जेएनयू के एक छात्र ने बताया – यह विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि जेएनयू के 18-19 हॉस्टलों की फीस अचानक से बहुत अधिक बढ़ा दी गई है । फीस वृद्धि का फैसला किया गया उनमें न तो छात्र संघ और न ही छात्रों से बातचीत की गई । हॉस्‍टल का डिपॉजिट करीब 5500 से होता है जिसे बढ़ाकर 12000 कर दिया गया है । अगर यह फीस वृद्धि लागू होती है तो करीब 40 फीसदी छात्रों को विश्वविद्यालय छोड़ना पड़ सकता है । इसके साथ ही मेस के लिए भी छात्रों पर सर्विस चार्ज लगा दिया गया है ।

प्रशासन से नाराज हैं छात्र
छात्रों का कहना है कि प्रशासन उनसे बात करने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है । प्रशासन की ओर से ईमेल के जरिए हमेशा एक नोटिस आता है जिसमें हमसे तत्काल धरना खत्म करने के लिए कहा जाता है । छात्र ने कहा कि हम यहां हजारों छात्र इकट्ठे हैं लेकिन प्रशासन हमें मुट्ठी भर छात्र बताकर हमारी मांगों को खारिज करने की कोशिश में हैं । आज हुए प्रदर्शन की एक वजह यही थी कि कॉलेज कैंपस में उपराष्ट्रपति, शिक्षा मंत्री और वाइस चांसलर मौजूद थे, जिनसे छात्र मिलना चाहते थे लेकिन उन्‍हें रोक दिया गया ।