मुख्यमंत्री पद पाकर भी बहुत कुछ खो देगी शिवसेना, बीजेपी को बड़ी उम्मीद

नये फॉर्मूले के अनुसार शिवसेना को ढाई साल के लिये सीएम की कुर्सी मिलेगी, बीजेपी से तीन दशक पुरानी दोस्ती टूटने की मुख्य वजह यही कुर्सी है।

New Delhi, Nov 14 : महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गहमागहमी के बीच शिवसेना भले अपना मुख्यमंत्री बनाने की हसरत पूरी कर ले, लेकिन कई मोर्चे पर उनके हाथ खाली हो जाएंगे, सूत्रों का दावा है कि अगर महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई में सरकार बनती है, तो गृह, कृषि, फाइनेंस जैसे अहम मंत्रालय के अलावा स्पीकर पद भी कांग्रेस और एनसीपी के पास होगा, इसके साथ ही पूरे कार्यकाल में शिनसेना को हिंदुत्व के मुद्दे पर भी रक्षात्मक रुख अपनाना होगा, वहीं दूसरी ओर बीजेपी हिंदुत्व के मामले पर अकेले कब्जा करने के लिये इस पूरे मामले को लगातार हवा देती रहेगी।

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ढाई साल सीएम पद
नये फॉर्मूले के अनुसार शिवसेना को ढाई साल के लिये सीएम की कुर्सी मिलेगी, बीजेपी से तीन दशक पुरानी दोस्ती टूटने की मुख्य वजह यही कुर्सी है, कांग्रेस -एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में उद्धव ठाकरे की सबसे बड़ी जिद तो पूरी हो जाएगी, लेकिन अन्य मोर्चों पर उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का दबाव झेलना होगा, राज्यसभा, विधानसभा की सीटों में भी शिवसेना को घाटा उठाना पड़ेगा, क्योंकि इन पदों को तीन दलों में बराबर बांटा जाएगा।

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बीजेपी चिंतित लेकिन बेहतर की उम्मीद भी
कांग्रेस-एनसीपी की ओर शिवसेना के जाने से बीजेपी चिंतित तो है, लेकिन भविष्य में उन्हें बेहतर करने की उम्मीद है, पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी निर्विवाद रुप से सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, शिवसेना के साथ रहते हिंदुत्व की सियासत पर दो दलों का कब्जा था, अब शिवसेना के जाने के बाद अकेले बीजेपी इस पर कब्जा जमाना चाहेगी।

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विपरीत विचारधारा
बीजेपी का कहना है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन वैसा ही है, जैसे जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन था, विपरीत विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन सरकार लगातार अंतर्विरोधों से घिरी रही, इससे खासतौर से शिवसेना को नुकसान होगा, उनके खिलाफ माहौल बनेगा।