लापता हैं सांसद गौतम गंभीर, आखिरी बार इंदौर में देखे गए थे

गौतम गंभीर लापता हैं, और उनकी गुमशुदगी के पोस्‍टर दिल्‍ली में जगह-जगह लगे हुए हैं । क्‍या है पूरा मामला आगे पढ़ें …

New Delhi, Nov 17: पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी से सांसद गौतम गंभीर सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता के कारण काफी चर्चा में रहते हैं, लेकिन गंभीर की गंभीरता दिल्‍ली के प्रदूषण के लिए नजर नहीं आ रही है । यहीं वजह है कि अब उनकी तलाश शुरू हो गई है । दिल्‍ली में जगह – जगह गौतम गंभीर की गुमशुदगी के पोस्‍टर लगा दिए गए हैं जिनमें लिखा है कि क्‍या किसी ने गौतम गंभीर को देखा है, उन्‍हें आखिरी बार इंदौर में देखा गया था ।

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बैठक में शामिल नहीं हुए गौतम गंभीर
ईस्‍ट दिल्‍ली से सांसद गौतम गंभीर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए । जिसके बाद से उन्‍हें लगातार आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है । रविवार को ही दिल्ली में गौतम गंभीर के लापता होने के पोस्टर जगह-जगह नजर आ रहे हैं । इन पोस्टरों पर लिखा था क्या आपने इन्हें कहीं देखा है? आखिरी बार इंदौर में जलेबी खाते ही देखा गया था। पूरी दिल्ली इन्हें ढूंढ रही है।

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इंदौर में थे गौतम गंभीर
दरअसल बीते हफ्ते गौतम गंभीर इंदौर में चल रहे टेस्ट मैच की कमेंट्री के लिए आए हुए थे । उन्‍हें शुक्रवार को वीवीएस लक्ष्मण, जतिन सप्रू के साथ पोहा और जलेबी का नाश्ता करते हुए देखा गया था । लक्ष्‍मण ने एक तस्वीर ट्वीट की थी। जिसके बाद गंभीर को यूजर्स ने ट्रोल किया था । आम आदमी पार्टी समेत दूसरे विपक्षी दलों ने गंभीर की जमकर ट्रोल किया था ।

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गंभीर ने किया था ट्वीट
विवाद बढ़ने के बाद गंभीर ने ट्वीट किया कि अगर मुझे गाली देने से दिल्ली का प्रदूषण कम होगा तो आप मुझे जी भरकर गाली दिजिए । मेरे संसदीय क्षेत्र और शहर के प्रति प्रतिबद्धताओं को वहां हो रहे काम से आंका जाना चाहिए। मैंने पिछले 6 महीने में मेरे मतदाताओ को सर्वश्रेष्ठ देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। गंभीर ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विभिन्न कार्यों का ब्यौरा भी ट्विटर पर साझा किया था।

प्रदूषण पर होने थी अहम बैठक
दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है । जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इसका समाधान करने का निर्देश दिया ।  जिसके बाद प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार, कई प्राधिकरणों और जनप्रतिनिधियों की बैठक 15 नवम्बर को होनी थी । बैठक के पैनल में गंभीर समेत 29 सदस्यों को नॉमिनेट किया था, लेकिन बेहद शर्मनक है कि सिर्फ 4 सदस्‍य ही यहां पहुंचे । यहां तक कि दिल्ली के तीन नगर निगमों के आयुक्त भी नहीं पहुंचे। जिसके बाद बैठक को टाल दी गई । दिल्‍ली की आप सरकार ने इस अनुपस्थिति को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला बताया था।