फिर पलटी मार गये सुशासन बाबू, दिग्गज नेता को चुनावी भंवर में अकेले छोड़ा

सरयू राय बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद उन्होने अपनी परंपरागत सीट जमशेदपुर पश्चिमी छोड़ सीएम रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से नामांकन दाखिल किया है।

New Delhi, Nov 21 : आखिरकार वही हुआ जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था, येन-केन प्रकारेण बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के बागी मंत्री सरयू राय के चुनाव प्रचार से मना कर दिया, माना जा रहा है कि सियासी तौर पर बेहद मंझे हुए राजनेता नीतीश कुमार ने ये फैसला काफी नाप-तौल कर लिया है, बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश इसमें आगे काफी नफा-नुकसान देख रहे हैं।

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चढा सियासी पारा
जिस तरीके से सरयू राय के समर्थन में चुनाव प्रचार करने को लेकर बीजेपी खेमे की ओर से बयानबाजी हो रही थी, उसे देखकर लग रहा था कि नीतीश को अपना स्टैंड साफ करना पड़ेगा, झारखंड में बीजेपी के बागी नेता सरयू राय के लिये सीएम रघुवर दास के खिलाफ प्रचार करने की घोषणा कर सुशासन बाबू ने देश की सियासत गरमा दी थी।

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बीजेपी से दूरी
नीतीश कुमार के इस फैसले को उनकी बीजेपी से बढती दूरी के रुप में देखा जा रहा था, राजनीतिक एक्सपर्ट इस निर्णय में कई निहितार्थ ढूंढ रहे थे, अब पटना में कृषि विभाग के कार्यकर्म के बाद मीडियाकर्मियों ने जब नीतीश से पूछा कि क्या झारखंड विधानसभा चुनाव में सरयू राय के प्रचार के लिये जाएंगे, तो उन्होने कहा कि मेरी जरुरत नहीं है, सीएम इतना कहकर ही अपनी गाड़ी में बैठे और चलते बने, इसके बाद उन्होने पत्रकारों के किसी और सवाल का जवाब नहीं दिया।

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सीएम के खिलाफ लड़ रहे चुनाव
आपको बता दें कि सरयू राय बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद उन्होने अपनी परंपरागत सीट जमशेदपुर पश्चिमी छोड़ सीएम रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से नामांकन दाखिल किया है, सरयू राय रघुवर सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री रहे हैं, उन्होने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया है।

बीजेपी में अनिर्णय की स्थिति
सीएम के खिलाफ ताल ठोकने और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी ने अब तक सरयू राय के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है, हालांकि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कहा था कि उन्हें 6 साल के लिये पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है, गुरुवार को अमित शाह झारखंड दौरे पर आने वाले हैं, शायद इसी वजह से पार्टी किसी भी तरह की किरकिरी से बचना चाहती है। दूसरी ओर बीजेपी से बगावत कर रहे सरयू राय का झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने खुलकर समर्थन देने की बात कही है, हेमंत ने सरयू राय को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला नेता करार दिया है। तो सरयू राय ने भी हेमंत को झारखंड का भविष्य का नेता बताया।