बिजनेसमैन आनंद महिंदा ने ली चुटकी, महाराष्ट्र में हुए सियासी उलटफेर पर कबड्डी का मैच शेयर किया
सोशल मीडिया पर मजेदार ट्वीट्स का सिलसिला जारी है । इसी बीच बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी एक रोचक वीडियो पोस्ट कर महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है ।
सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र में मचा सियासी ड्रामा ट्रेंड कर रहा है । हर कोई राज्य में सुबह-सुबह हुए इस बड़े उलटफेर को अपने – अपने चश्मे से देख रहा है । तरह-तरह के मीमस, वीडियो रेफरेंस के साथ एक्टिव यूजर्स अपनी बात महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक उलटफेर को रोचक तरीके से बताने के लिए कबड्डी का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि सिर्फ एक खिलाड़ी को पकड़ने से कैसे बाजी पलट गई।
महिंद्रा ने किया वीडियो पोस्ट
आनंद महिंद्रा ने वीडियो पोस्ट कर लिखा है, – क्या आप सोचते हैं कि महाराष्ट्र में जो हुआ उसे समझाने का इससे अच्छा तरीका कोई और हो सकता है? महिंद्रा ने ये वीडियो 15 नवंबर को भी शेयर किया था । तब उन्हें ये वीडियो इस संदेश के साथ मिला था – विपरीत हालातों में भी आखिरी पल तक उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। विफलता को सफलता में बदलना संभव है। आपको बता दें आनंद महिंद्रा ट्विटर पर जमकर एक्टिव रहते हैं और उनके 73 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर हैं ।
Remember this video I had tweeted? Can you think of any more appropriate way to describe what just happened in Maharashtra? 🤔 https://t.co/IEnCtoyKAG
— anand mahindra (@anandmahindra) November 23, 2019
सुबह हुआ बड़ा खेल
दरअसल महाराष्ट्र में आज सुबह ही बड़ा खेल हो गया । शनिवार सुबह बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वहीं, एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था, जिसे शनिवार सुबह 5:47 पर हटा दिया गया । सुबह 7:30 बजे फडणवीस और पवार ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शुक्रवार रात तक तस्वीर कुछ और थी
जबकि शुक्रवार रात तक तस्वीर कुछ और ही थी, राज्य में एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना की सरकार बननी तय हो गई थी । इस सरकार में उद्धव ठाकरे का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर प्रस्तावित किया गया था और तीनों दलों में इसे लेकर सहमति भी बन गई थी । लेकिन कांग्रेस और एनसीपी कुछ बातों पर सहमत ना होने के कारण फैसला शनिवार को लिया जाना था । लेकिन ये रात शिवसेना के मंसूबों पर पानी फेरने वाली साबित हुई और बीजेपी ने बैक डोर से खेल कर दिया ।