कांग्रेस की एक गलती शिवसेना को ले डूबी, बैठक में इस बात पर फंस गया था पेंच

भारतीय राजनीति में ऐसे उलटफेर की खबरें कम ही आती हैं जो सुबह-सुबह सबको हैरान कर दें । महाराष्‍ट्र में ऐसा क्‍या हुआ कि शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाते-बनाते चूक गईं । आगे पढ़ें पूरी खबर …

New Delhi, Nov 23: महाराष्‍ट्र की राजनीति में दिलचस्‍पी लेने वालों के लिए शनिवार की सुबह किसी शॉक से कम नहीं रही । शुक्रवार को जो आखिरी खबर सुर्खियों में रही वो यही थी कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना रही है, उद्धव ठाकरे इस सरकार के मुख्‍यमंत्री होंगे । लेकिन आखिरी फैसला शनिवार को होगा । शुक्रवार को फैसले के इंतजार में सोए लोग शनिवार को जब उठे तो राज्‍य में नई सरकार का गठन हो चुका था । देवेन्‍द्र फड़नवीस मुख्‍यमंत्री तो वहीं अजित पवार ने उप मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली थी । एक रात में ऐसा क्‍या हुआ ये, कहां पेंच फंसा, क्‍यों शिवसेना चूक गई इन सबकी वजह कुछ बातों को माना जा रहा है ।

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कहां फंसा था पेंच ?
12 नवंबर को राष्‍ट्रपति शासन के बाद से ही शिवसेना इस कवायद में थी कि किसी तरह वो  सरकार बनाने में कामयाब हो जाए । एनसीपी के साथ बैठकों के दौर के बाद कांग्रेस के साथ बातचीत का दौर चला । लेकिन बात नहीं बन पा रही थी । लेकिन अब बीजेपी के गेमप्लान में कांग्रेस और शिवसेना नेता बुरी तरह से उलझ गए हैं । शुक्रवार को तीनों दलाके की बैठक हुई, उद्धव ठाकरे के नाम पर शरद पवार ने सहमति जताई लेकिन कांग्रेस सहज नहीं थी । कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने साफ कहा कि शनिवार को बैठक के बाद ही तस्‍वीर साफ होगी ।

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इस फॉर्मुले के कारण अटकी बात
बताया जा रहा है कि तीनों दलों में मुख्‍यमात्री पद को लेकर रार मची हुई थी । सूत्रों के मुताबिक एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना नेताओं के बीच गठबंधन सरकार बनाने को लेकर हुई बैठक सहज नहीं थी । शिवसेना जहां पांच साल के लिए सीएम पद चाहती थी जबकि एनसीपी चाहती थी कि ढाई-ढाई के लिए सीएम बने । राजनीतिक पंडितों के मुताबिक इसी बात को लेकर शिवसेना और एनसीपी के बीच मनमुटाव हुआ होगा और सरकार बनाने पर होल्‍ड लग गया होगा । वहीं एक खबर ये भी थी कि कांग्रेस सरकार में अपना स्‍पीकर चाहती थी, वो पृथ्‍वी राज चवहाण को इसके लिए आगे करना चाहती थी, लेकिन छोटे दल होने के कारण एनसीपी और शिवसेना को ये मंजूर नहीं था । कांग्रेस ने ही बैठक में फज्ञइनल फैसला नहीं लिया और शनिवार पर बात टाल दी । फैसला शनिवार को होना जरूर था लेकिन उससे पहले ही अजित पवार ने ये खेल कर दिया ।

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अजित पवार पर बोले शरद
वहीं अजित पवार के सरकार में शामिल होने पर अब शरद पवार का बयान भी आ गया है । उन्‍होने कहा है कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर अजित पवार का ये अपना फैसला है, एनसीपी इसमें उनके साथ नहीं है । बताया जा रहा है कि अजित पवार ने पार्टी के कुछ विधायकों के साथ मिलकर बीजेपी को समर्थन दे दिया है । पवार ने महाराष्‍ट्र के उपमुख्‍यमंत्री के तौर पर शपथ ली है ।

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