अजित पवार को घेरने के लिये शिवसेना की नई रणनीति, दबाव बनाने के लिये चली ये चाल

शिवसेना सांसद ने कोर्ट से मांग की है कि फ्लोर टेस्ट से पहले देवेन्द्र फडण्वीस सरकार को किसी भी बड़े फैसले लेने के लिये बाध्य नहीं किया जाना चाहिये।

New Delhi, Nov 26 : देवेन्द्र फडण्वीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार की मुश्किलें बढ सकती है, शिवसेना उनके खिलाफ सिंचाई घोटाले से जुड़े 9 मामलों को बंद करने को लेकर एसीबी के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, आपको बता दें कि बीते दिन ही एसीबी ने अजित पवार को क्लीन चिट दी है।

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कोर्ट जाने की तैयारी
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने सुप्रीम कोर्ट में बकायदा इस बाबत अर्जी भी दी है, कीर्तिकर ने मांग की है, कि कोर्ट मंगलवार को शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की याचिका के साथ इस मामले की भी सुनवाई करे, कीर्तिकर ने आवेदन में कहा है कि भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के द्वारा 25 नवंबर को अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले से जुड़े 9 मामलों को बंद करना गलत है, कीर्तिकर ने कोर्ट से मांग की है, कि एसीबी के आदेश को फ्लोर टेस्ट तक के लिये रद्द किया जाए।

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24 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग
शिवसेना सांसद ने कोर्ट से मांग की है कि फ्लोर टेस्ट से पहले देवेन्द्र फडण्वीस सरकार को किसी भी बड़े फैसले लेने के लिये बाध्य नहीं किया जाना चाहिये, साथ ही गवर्नर को 24 घंटे के भीतर महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया जाए।

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क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के 48 घंटे के बाद ही एसीबी ने अजित पवार के खिलाफ चल रहे सिंचाई घोटाले के 9 मामलों को बंद कर दिया था, ये घोटाला 70 हडार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है, इस मामले में एसीबी का कहना है कि जो 9 केस बंद किये गये हैं, उनका अजित पवार से कोई लेना-देना नहीं है।