शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर सोनिया गांधी ने कहा था ऊपर जाकर गांधी जी को क्या जवाब दूंगी, फिर…

राहुल गांधी की असहजता और सोनिया गांधी की असमंजस के बावजूद अहमद पटेल और दिग्गी राजा ने महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर जो बिसात बिछाई, उससे ये मुमकिन हो गया।

New Delhi, Nov 28 : मुंबई के शिवाजी मैदान पर आज शाम कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन ये कम ही लोगों को पता होगा, कि शुरुआती दौर में सोनिया गांधी किसी भी शर्त पर शिवसेना के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, राहुल गांधी भी इसे लेकर पूरी तरह से सहज नहीं थे, शायद इसी वजह से महा अगाड़ी विकास का नेता चुने जाने और सीएम नामित होने के बाद भी उन्होने उद्धव ठाकरे को बधाई नहीं दी, साथ ही ये भी साफ नहीं है, कि उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण में राहुल-सोनिया शामिल होंगे या नहीं।

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नामुमकिन को मुमकिन बनाया
राहुल गांधी की असहजता और सोनिया गांधी की असमंजस के बावजूद अहमद पटेल और दिग्गी राजा ने महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर जो बिसात बिछाई, उससे ये मुमकिन हो गया, जिसकी कल्पना मोदी-शाह से लेकर संघ चालक मोहन भागवत तक ने नहीं की थी, बीजेपी इस भरोसे में थी, शिवसेना के पास विकल्प नहीं है, अगर शिवसेना हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर एनसीपी के साथ गठबंधन कर भी लेती है, तो भी कांग्रेस कभी तैयार नहीं होगी, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया।

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शरद पवार की बड़ी भूमिका
कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि जब चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी-शिवसेना में खटपट शुरु हुई, तो शरद पवार सरकार बनाने के विचार के साथ सोनिया गांधी से मिले, तो सोनिया गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई, तो उपर जाकर मैं महात्मा गांधी का सामना कैसे करुंगी। जिस पर शरद पवार चुप रह गये थे, फिर उन्होने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष को समझाने की कोशिश की, कि मोदी-शाह की जोड़ी के खिलाफ व्यवहारिक रणनीति की जरुरत है, जिसके बाद सोनिया गांधी ने अपना मन बदला।

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सोचने का समय चाहिये
सोनिया गांधी ने कहा था कि मुझे इस मुद्दे पर सोचने का और समय चाहिये, जिसके बाद शरद पवार जब दस जनपथ से निकले, तो इंतजार में खड़ी मीडिया के बार-बार पूछे जाने पर भी उन्होने सिर्फ इतना कहा, कि सोनिया गांधी से महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर बात हुई, शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कोई चर्चा नहीं हुई।