अगर उद्धव ठाकरे आकर आपसे हाथ मिला लें तो, कुछ ऐसा था राज ठाकरे का जवाब

राज ठाकरे से ये पूछा गया कि शिवसेना प्रतिद्वंदी नहीं है, तो वो कहते हैं बिल्कुल नहीं, ये एक परसेप्शन है।

New Delhi, Nov 29 : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के नये सीएम के तौर पर शपथ ले लिया है, शपथग्रहण समारोह में उनके चचेरे भाई और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी शिरकत किया, उद्धव ने उन्हें खुद आमंत्रित किया था, महाराष्ट्र में बने नये सियासी समीकरण के बीच उद्धव और राज के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलती दिख रही है, हालांकि राज ठाकरे लगातार ये दोहराते रहे हैं कि महाराष्ट्र में उनकी लड़ाई एनसीपी और कांग्रेस से है, शिवसेना से नहीं, एक इंटरव्यू में राज ठाकरे ने साफ-साफ कहा था कि मेरी शिवसेना से कोई लड़ाई नहीं है, जब उनसे पूछा गया कि आपका मुख्य प्रतिद्वंदी कौन है, तो उन्होने कहा था कांग्रेस और एनसीपी।

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राजनीतिक मतभेद, व्यक्तिगत नहीं
राज ठाकरे से ये पूछा गया कि शिवसेना प्रतिद्वंदी नहीं है, तो वो कहते हैं बिल्कुल नहीं, ये एक परसेप्शन है, लोगों को लगता है कि मैं उम्मीदवार खड़े कर रहा हूं, तो उनके खिलाफ खड़े कर रहा हूं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, राज से पूछा गया कि मान लीजिए उद्धव ठाकरे आपके पास आएं और आपसे हाथ मिला लें, तो आर क्या कहेंगे, इस पर उन्होने कहा कि कहूंगा कैसे हो, उन्होने आगे कहा कि पारिवारिक संबंध में कोई बात नहीं है, अगर प्रॉब्लम हो सकते हैं, तो राजनीतिक हो सकते हैं, राज ठाकरे ने साफ-साफ कहा, कि उद्धव से राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, पारिवारिक या व्यक्तिगत नहीं, ना ही कोई संपत्ति का मामला है, जब घर से निकला था, तो अकेले ही निकला था।

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वोट बंटता है
मनसे प्रमुख ने आगके कहा कि मैंने कभी कोई चीज नहीं मांगी थी, बहुत बार ऐसा होता है कि जब उनकी सीट चुनकर नहीं आती है, तो उन्हें (उद्धव को) लगता है कि वोट बंटा है, जिसकी वजह से वो हार गये, लेकिन जब उनकी सीट चुनकर आती है, तब उन्हें ऐसा नहीं लगता है।

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कभी साथ होंगे
राज ठाकरे से ये भी पूछा गया कि क्या वो कभी भविष्य में उद्धव ठाकरे के साथ जाएंगे, तो उन्होने कहा कि इफ एंड बट में कोई जवाब नहीं हो सकता, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन राजनीतिक डिफरेंस है, उनका कुछ नहीं हो सकता, हर आदमी का अपना स्वाभाव होता है, वो उसके हिसाब से काम करता है।