बढ़ रहे हैं मिसकैरेज के मामले, गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में इन बातों का ध्यान रखें
गर्भावस्था के समय कुछ खाने-पीने की वस्तुओं का सेवन करने से बचना चाहिए । इन्हें खाने से गर्भस्थ शिशु को परेशानी हो सकती है ।
New Delhi, Dec 03: गर्भ में पल रहे शिशु का पूरा ख्याल रखती है मां । नौ महीने तक शिशु की पूरी देखभाल का जिम्मा सिर्फ मां का शरीर ही तो उठाता है । मां जो खाती है, पीती है उसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है । ऐसे में बहुत जरूरी होता है कि गर्भवती अपना खानपान सही रखे और उसमें कोई चूक ना हो जाए । घर के बड़े बुजुर्ग तो सलाह देते ही हैं, हम आपको बताने वाले उन फूड आइटम्स के बारे में जिसे गर्भ के शुरुआती कुछ महीनों में पूरी तरह अवॉयड करना चाहिए ।
इन फलों का सेवन ना करें
प्रेग्नेंसी में फल और सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है । लेकिन इस दौरान आपको पपीता और अनानास खाने से बचना चाहिए । ये फल गरम तासीर के माने जाते हैं इन्हें खाने से ब्लीडिंग का खतरा बना रहता है । गर्भ के नौ महीने इन फुलों से दूरी बना लें । प्रसव के बाद भी कुछ समय तक अनानास और पपीता नहीं खाना चाहिए ।
कच्चे दूध का सेवन ना करें
गर्भवती महिला को भरपूर मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए । दूध में प्रोटीन और मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं । आप इसमें अपना मनपसंद हेल्थ पाउडर डालकर भी पी सकते हैं । लेकिन गर्भवती महिलाओं को कच्चा दूध पीने की मनाही है । दूध को अच्छे से उबालकर, उसकी मलाई निकालकर ही पीएं । कच्चे दूध को पीने से आपका हाजमा खराब हो सकता है ।
चीज और पनीर
गर्भावस्था में चीज या पनीर हानिकारक नहीं होते लेकिन इनका अधिक सेवन डायजेशन में नुकसान पहुंचा सकता है । माउल्ड चीज़ और सॉफ्ट चीज प्रेग्नेंसी में नहीं खानी चाहिए । ये दोनों अनपाश्चुराइज्ड मिल्क से बने होते हैं । इन्हें डायजेस्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है । इस स्टेज में कोई भी ऐसा खाना मुश्किल पैदा कर सकता है जो अपच पैदा करे ।
मीट-मछली
मांसाहार करने वाली महिलाएं विशेष रूप से ध्यान रखें । गर्भावस्था के दौराना मांसाहार करना पाचन तंत्र के लिए ठीक नहीं माना जाता । मांस को पचाने में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है । गर्भ के शुरुआती दिनों में कच्चे मीट या अंडरकुक मीट का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए । वहीं गर्भ के शुरुआती दिनों में सीफूड नहीं खाना चाहिए । समुद्री भोजन में पारे की मात्रा अधिक पाई जाती है जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है । मछलियों में खास तौर पर स्वॉर्डफिश बिलकुल नहीं खानी चाहिए ।
चाय-कॉफी, एल्कोहल का सेवन ना करें
चाय और कॉफी का अधिक सेवन गर्भवती को एसिडिटी की प्रॉब्लम दे सकता है । चाय, कॉफी के साथ ही चॉकलेट का सेवन भी कम करना चाहिए । इनमें मौजूद तत्व व्यक्ति को नशे की तरह इनका आदि बना देते हैं । इसलिए ये शरीर के लिए अधिक मात्रा में नुकसान पहुंचाते हैं । प्रेग्नेंसी के दौरान कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक पीने से भी परहेज करें । इसके साथ ही वो महिलाएं जो शराब आदि का सेवन करती रही हैं उनके गर्भ को नुकसान पहुंचने का खतरा सामान्य महिलाओं के मुकाबले कुछ अधिक होता है । गर्भावस्था के दौरान तो शराब पीना बेहद हानिकारक हो सकता है । धूम्रपान भी बिलकुल ना करें ।