विश्वकप के लिए द्रविड़ आर्मी तैयार, कोई कंडक्टर तो कोई कारगिल हीरो का बेटा, तो कोई बेचता था गोलगप्पे

दायें हाथ की टॉप ऑर्डर बल्लेबाज प्रियम गर्ग ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दोहरा शतक और लिस्ट ए में शतक लगा चुके हैं।

New Delhi, Dec 03 : दक्षिण अफ्रीका में खेले जाने वाले अंडर-19 विश्वकप के लिये टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है, 4 बार की चैंपियन टीम की कप्तानी यूपी के बल्लेबाज प्रियम गर्ग को सौंपी गई है, कोच राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में विश्वकप टीम के खिलाड़ियों को चुना गया है, इस टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो काफी कमजोर आर्थिक हालात से निकलकर यहां तक पहुंचे हैं, राहुल द्रविड़ पहले ही साफ कर चुके हैं कि एक खिलाड़ी को एक बार ही अंडर-19 विश्वकप में खेलने का मौका मिलेगा, ऐसे में विश्वकप के लिये चुनी गई टीम काफी मजबूत दिख रही है।

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प्रियम गर्ग
दायें हाथ की टॉप ऑर्डर बल्लेबाज प्रियम गर्ग ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दोहरा शतक और लिस्ट ए में शतक लगा चुके हैं, गर्ग भारत सी टीम का भी हिस्सा थे, जो पिछले महीने देवधर ट्रॉफी की उपविजेता रही, उन्होने फाइनल में भारत बी के खिलाफ 74 रन की पारी खेली, रणजी ट्रॉफी 2017-18 में गर्ग यूपी के दूसरे टॉप स्कोरर रहे, उन्होने 67.83 के औसत से 814 रन बनाये, जिसमें उन्होने 206 रन की पारी भी खेली, प्रियम मेरठ के रहने वाले हैं, गरीबी की वजह से पिता ने क्रिकेट खेलने से मना किया, हालांकि प्रियम ने गली क्रिकेट खेलना जारी रखा, इसके बाद उनके मामा ने उन्हें मेरठ के विक्टोरिया स्टेडियम में कोचिंग दिलवाई, जिसके बाद फिर उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, उनके पिता साइकिल से दूध बेचकर बेटे के लिये पैसों का इंतजाम करते थे।

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यशस्वी जायसवाल
17 वर्षीय बल्लेबाज ने इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरा शतक लगाया है, उन्होने इस सीजन में तीन शतक और 1अर्धशतक लगाये हैं, यशस्वी का बचपन भी काफी संघर्ष में गुजरा है, वो मूल रुप से यूपी के भदोही के रहने वाले हैं, उनके पिता छोटी सी दुकान चलाते हैं, सपनों को पूरा करने के यशस्वी मुंबई चले आये, यहां उन्होने डेयरी शॉप में काम किया, तीन साल तक टेंट में रहे, इस दौरान उन्होने गुजारा करने के लिये गोलगप्पे बेचकर पैसे कमाये।

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अथर्व अंकोलेकर
अंकोलेकर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और बायें हाथ के स्पिन गेंदबाज हैं, उनकी मां मुंबई में सरकारी बस में कंडक्टर हैं, उनकी कमाई से ही उनके घर का खर्चा चलता है, अथर्व के पिता विनोद का 9 साल पहले 2010 में निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी मां वैदेही ने घर की जिम्मेदारी संभाली, शुरुआत में बच्चों को ट्यूशन पढाकर घर चलाती थी, फिर बाद में पति की जगह उन्हें कंडक्टर की नौकरी मिल गई, पिछले महीने जब अथर्व को अंडर 19 टीम इंडिया के लिये चुना गया, तो उनकी मां के पास करीब 40 हजार संदेश आये।

ध्रुव जुरेल
यूपी के आगरा के रहने वाले ध्रुव विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, उनके पिता नेम सिंह जुरेल 1999 में कारगिल युद्ध में लड़ चुके हैं, पिता उन्हें अपनी तरह ही फौजी बनाना चाहते थे, लेकिन ध्रुव ने क्रिकेट को चुना, उन्होने इसी साल इंग्लैंड दौरा पर त्रिकोणीय सीरीज में इंडिया ए को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई, साथ ही अंडर-19 एशिया कप के लिये उन्हें कप्तानी दी गई थी।

आकाश सिंह
राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले आकाश सिंह बायें हाथ के तेज गेंदबाज हैं, इसी साल श्रीलंका में हुए अंडर 19 एशिया कप में उन्होने शानदार गेंदबाजी की, उनके पिता खेती करते हैं और मां हाउसवाइफ है, आकाश अभी 11वीं में पढते हैं, उन्होने पिछले महीने तमिलनाडु के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राजस्थान के लिये डेब्यू किया है।