राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पेश की दोस्ती मिसाल, भीड़ में खड़े दोस्त के साथ किया ऐसा सलूक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने नरम स्वाभाव के लिये जाने जाते हैं, सोमवार को उन्होने ओडिशा में समापन समारोह के दौरान लोगों की भीड़ में अपने एक पुराने मित्र को पहचान लिया।

New Delhi, Dec 10 :  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्कल विश्वविद्यालय के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान दोस्ती की मिसाल पेश की, उन्होने लोगों की भीड़ में अपने दोस्त को देख सब कुछ भूल उन्हें स्टेज पर बुलाया और गले मिले। दरअसल बात ऐसी है कि महामहिम राष्ट्रपति 8 दिसंबर को ओडिशा के उत्कल विश्वविद्यालय के प्लेटिनम समारोह में हिस्सा लेने गये थे, जहां उनकी मुलाकात अपने एक मित्र से हो गई।

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ऐसा रहा दोनों दोस्त का मिलन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने नरम स्वाभाव के लिये जाने जाते हैं, सोमवार को उन्होने ओडिशा में समापन समारोह के दौरान लोगों की भीड़ में अपने एक पुराने मित्र को पहचान लिया, जिसके बाद उन्होने तुरंत अपने बगल में बैठे केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से अपने मित्र को स्टेज पर बुलाने को कहा, मित्र के स्टेज पर आते ही राष्ट्रपति ने उन्हें गले से लगा लिया। जिसे देखकर वहां मौजूद लोग खुश हो गये।

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आखिर कौन है ये मित्र
इस समारोह में ओडिशा से पूर्व राज्यसभा सांसद बीरभद्र सिंह मौजूद थे, जिनका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पुराना परिचय है, बीरभद्र सिंह साल 2000 से 2006 तक राज्यसभा में एससी/एसटी सदस्य थे, उन्होने रामनाथ कोविंद के साथ काम किया था, जैसे ही दोनों का आमना-सामना हुआ, दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, दोनों मित्रों ने एक-दूसरे को गले लगाया, फिर फोटो भी खिंचवाई, बीरभद्र सिंह ने कहा कि दोनों 12 साल बाद एक-दूसरे से मिल रहे हैं।

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समारोह के दौरान कही ये बात
समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विश्वविद्यालय कोई आइवरी टॉवर नहीं होते, बल्कि ये विचारों के महान केन्द्र होते हैं, ये समाज का हिस्सा होते हैं, इसलिये इन्हें सामाजिक बदलाव का हिस्सा बनना चाहिये, उन्होने ये भी कहा कि शिक्षक समुदाय को ऐसे शोधों का हिस्सा बनना चाहिये, जो ना सिर्फ नये ज्ञान का सृजन करें, बल्कि जो समाज को सहारा देने के भी काम आएं।