Opinion – जाड़ा लगे तो एग्जिट पोल जलाकर आग तापिये

चुनाव के महीने भर की थकान के बाद आप भी एग्जिट पोल के खिलौने के साथ थकान मिटाते हैं । कोई चैनल ग्रीन कार पर सवारी कर रहा है कोई रेड पर तो कोई येलो पर ।

New Delhi, Dec 21 : ढाई साल का मेरा पोता खिलौनों का शौकीन हैं।खास तौर पर खिलौना गाड़ियों का । जब मैं घर पर उसके साथ खेलता हूँ तो वह अपनी गाड़ियों का खजाना खोलता है और कभी ग्रीन गाड़ी चलाता है तो कभी रेड कार को पटकता है , कभी येलो कार की सवारी करता है तो कभी मेरी गोद में जीप लेकर बैठ जाता है । मैं भी उसके इस गाडीप्रेम पर मुग्ध होता हूँ और अपनी थकान मिटाता हूँ । लेकिन जब मैं अपनी गाड़ी में पोते के साथ बैठता हूँ मेरा पोता कहता है कि यही उसकी गाड़ी है । तब वह ग्रीन , येलो , रेड कार भूल जाता है और असल कार को ही अपनी कार बताता है।

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चुनाव के महीने भर की थकान के बाद आप भी एग्जिट पोल के खिलौने के साथ थकान मिटाते हैं । कोई चैनल ग्रीन कार पर सवारी कर रहा है कोई रेड पर तो कोई येलो पर । असली रिजल्ट आने पर यही चैनल असली रिजल्ट को ही अपना बताते हुए एग्जिट पोल के दागों को बेशर्मी से झाड़ पोंछ कर लेंगे । जिस देश मे न्यूज़ चैनल सास बहू सीरियल पर घंटो समीक्षा दिखाता हो ,निर्मल बाबा के प्रवचन दिखाता हो , ढोंगियों को जमूरों वाला कपड़ा पहनाकर भविष्यवाणी दिखाता हो , क्रिकेट मैच के दौरान चार चार घंटे क्रिकेट के ही आंकड़े और क्रिकेटीय नाच गाना दिखाता हो उसके लिए तो एग्जिट पोल दिखाना निहायत ही खालिस और गंभीर खबर है।

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लेकिन इन खबरों का पिटारा लेकर बैठे एंकर और एंकरनियो को उचक उचक कर , बाल लहराते हुए , चिल्ला चिल्ला कर, कूदते फांदते देखिएगा तो लगेगा कि सर्कस में जोकरों को देख रहे हैं । मैं बोलने की इतनी हिम्मत तब कर रहा हूँ जबकि मेरे शरीर में टीवी न्यूज चैनल का नमक दौड़ रहा है । आप समझ सकते हैं कि गंभीर दर्शक , पाठक और खबरों के ‘ भूखे ‘ लोग किस हद तक गालियां देते होंगे । खबरों का विषय क्या हो और उसका प्रेजेंटेशन कैसे हो इसके लिए जो जमुरागिरी न्यूज़ चैनल वाले कर रहे हैं इससे गंभीर पत्रकारों की साख कसौटी पर है । अब झारखंड में दो करोड़ मतदाता है और एक से 15 हजार नमूनों पर आधारित सर्वेक्षण होगा तो ग्रीन गाड़ी और येलो गाड़ी वाला ही खेल होगा न ।

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मेरे घर मे कुल 5 टीवी है ।जिसमे एक मे माँ संस्कार टीवी देखती है । एक टीवी में वीडियोकॉन का डीटीएच लगा है जो अक्सर नॉन पेमेंट के चलते बंद रहता है । बाकी तीन टीवी में केबल वाले ने कनेक्शन काट रखा है क्योंकि सर्विस ठीक नही होने के कारण मैंने भुगतान करने से मना कर दिया है । अब मैं एग्जिट पोल में मन नही बहलाता बल्कि पोते के साथ ग्रीन और रेड गाड़ियों से खेलता हूँ ।बड़े चैन के साथ घरवालों से गप्प कर लेता हूँ । समय मिलने पर दिनमे नींद भी मार लेता हूँ । कभी क्रिकेट स्कोर देखना हो तो मोबाइल का जिओ टीवी है । आग लगे एग्जिट पोल में । अपन तो आग तापेंगे इस कड़क ठंड में ।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)