झारखंड परिणाम का दिखेगा बिहार की सियासत पर असर, नीतीश हो सकते हैं बीजेपी पर हावी

झारखंड चुनाव के नतीजे जिसके भी पक्ष में आएं, हार या जीत हो बिहार के नेताओं के लिये बड़ा सबक होगा।

New Delhi, Dec 23 : झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे जहां बीजेपी के लिये प्रतिष्ठा का सवाल है, वहीं महागठबंधन के लिये ये किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है, ऐसे में दोनों ही खेमे में जिसकी भी हार या जीत होगी, इसका असर बिहार की राजनीति पर भी दिखेगा, मसलन बीजेपी यदि अपने दम पर जीत हासिल करके दोबारा सत्ता में लौटती है, तो बिहार में बीजेपी जदयू पर हावी दिखेगी, लेकिन अगर झारखंड में बीजेपी सत्ता गंवा देती है, तो फिर नीतीश कुमार फिर से बड़े भाई की भूमिका में दिख सकते हैं, अगर नतीजे महागठबंधन के पक्ष में आते हैं तो ना सिर्फ लालू यादव का प्रयोग सफल होगा, बल्कि तेजस्वी पर बिहार में अपने सहयोगियों के साथ लेकर चलने का भी दबाव बनेगा।

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जीत-हार से बिहार के गठबंधन को मिलेगा सबक
झारखंड चुनाव के नतीजे जिसके भी पक्ष में आएं, हार या जीत हो बिहार के नेताओं के लिये बड़ा सबक होगा, अगर बीजेपी हारती है, तो एनडीए के लिये ये जितना बड़ा सबक होगा, उससे भी बड़ी बात ये है कि एनडीए बिहार में वैसी गलती कतई नहीं दोहराएगी, जिसका खामियाजा उन्हें झारखंड की तरह चुकाना पड़े, वजह ये है कि झारखंड में एनडीए पूरी तरह से बिखरा हुआ है।

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तेजस्वी को मिलेगा सबक
वहीं अगर हेमंत सोरेन बाजी मारते हैं, और महागठबंधन जीत हासिल करती है, तो फिर तेजस्वी पर अपने सभी सहयोगियों को साथ लेकर चलने का दबाव बढेगा, फिर राजद को हेमंत सोरेन की तरह ही समझौता कर महागठबंधन को एकजुट करना होगा, ताकि झारखंड के फॉर्मूले के जरिये बिहार में भी बड़ा उलटफेर किया जा सके।

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लालू फेल होंगे या पास बताएगा झारखंड के नतीजे
झारखंड में एक तरफ एनडीए खंड-खंड है, तो महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है, ठीक वैसे ही जैसे 2019 लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जदयू, रामविलास पासवान की लोजपा और बीजेपी इन्टैक्ट थी, महागठबंधन की इस एकजुटता के पीछे कोई और नहीं बल्कि खुद लालू प्रसाद यादव हैं, जानकारी के अनुसार लालू की बदौलत ही झारखंड में महागठबंधन का ना सिर्फ निर्माण हुआ, बल्कि सबने सीट बंटवारे में समझौता भी किया, अब लालू के इस प्रयोग की परीक्षा की बारी है, अगर महागठबंधन जीतता है, तो इस जीत का श्रेय हेमंत सोरेन से ज्यादा लालू को मिलेगा।