अगर रघुवर दास की किस्मत ने दिया धोखा, तो इनकी चमक सकती है किस्मत, मिल सकता है सीएम पद

सीएम की रेस में सबसे पहला नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख हेमंत सोरेन का है, वो इस चुनाव में दो सीटों से मैदान में हैं, दुमका से वो पीछे चल रहे हैं, और बरहेट से भी पीछे ही हैं।

New Delhi, Dec 23 : झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुजानों ने सभी दलों की धड़कनें बढा दी है, अब तक आये रुझानों में बीजेपी और झामुमो महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है, पल पल बदलते नतीजे हर पल बदलते रुझान नई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं, झारखंड के अब तक चुनावी इतिहास पर नजर डालें, तो यहां पर कोई भी सीएम वापसी तो क्या अपना खुद का चुनाव भी नहीं बचा पाया है, ऐसे में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की किस्मत ने भी धोखा दिया, तो ऐसे कौन से चेहरे हैं, जिनके सिर सीएम का ताज सज सकता है।

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हेमंत सोरेन हैं महागठबंधन के चेहरे
सीएम की रेस में सबसे पहला नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख हेमंत सोरेन का है, वो इस चुनाव में दो सीटों से मैदान में हैं, दुमका से वो पीछे चल रहे हैं, और बरहेट से भी पीछे ही हैं, अगर महागठबंधन को बहुमत मिलता है, तो वो मुख्यमंत्री हो सकते हैं, लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि उन्हें डिप्टी सीएम पद आजसू या बाबू लाल मरांडी की जेवीएम को देना पड़े, ये दोनों पार्टियां 4 और तीन सीटों पर बढत बनाये हुए हैं, ऐसे में इनका किसी भी ओर जाना सत्ता संतुलन को बना और बिगाड़ सकता है।

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मरांडी भी चौंका सकते हैं
जिस तरह के चुनाव परिणाम झारखंड के ईवीएम से निकल रहे हैं, ऐसे में वहां किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, खासकर छोटे दल यहां किसी भी तरह की नई संभावनाओं को जन्म दे सकते हैं, अगर महागठबंधन नंबर गेम में पिछड़ा तो बीजेपी, आजसू या जेवीएम को अपनी ओर ला सकती है, कभी बीजेपी में रहे बाबू लाल मरांडी वैसे भी कह चुके हैं कि वो कमल का दामन नहीं थामेंगे, लेकिन संभव ये भी है कि बीजेपी सत्ता बचाने के लिये उन्हें सीएम की कुर्सी सौंप सकती है। अगर बीजेपी से बात नहीं बनी, तो कांग्रेस कर्नाटक की तरह यहां भी तुरुप का इक्का फेंक कर मरांडी को बड़े पद का लालच दे सकती है।

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सुदेश महतो भी कर सकते हैं तोलमोल
आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो भी प्रदेश में सीएम पद का चेहरा बन सकते हैं, ठीक चुनाव से पहेल उन्होने बीजेपी से अलग होकर अपनी इच्छा को ना कहते हुए भी जता दिया था, ऐसे में जो भी पार्टी उनका समर्थन मांगेगी, उनके सामने वो अपनी बड़ी मांग रख सकते हैं, सुदेश महतो अब तक बीजेपी के साथ रहे हैं, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद उनकी महत्वाकांक्षा को पंख लग गये हैं, अगर वो बीजेपी का साथ देंगे, तो फिर भारी कीमत भी वसूलेंगे।