एक राजकुमारी को दिल दे बैठे थे अटल जी, जीवन भर रहे कुंवारे, बेहद खूबसूरत है प्रेम कहानी

राजकुमारी को दिल्ली के राजनीतिक हलकों में लोग मिसेज कौल के नाम से जानते थे, हर किसी को मालूम था कि वो अटल जी के लिये सबसे प्रिय हैं।

New Delhi, Dec 24 : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर और दिवंगत नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज जन्मदिन है, बड़े राजनेताओं में शुमार रहे अटल जी जीवन भर अविवाहित रहे, लेकिन उन्होने प्रेम का स्वाद जरुर चखा, कहा जाता है कि अटल जी को सच्ची मुहब्बत हुई थी वो भी एक राजकुमारी से, बात शुरु होती है, उस दौर में जब ना मोबाइल था और ना लड़कियों से बात की जाती थी, प्यार की पहली झलक वाजपेयी जी को 1940 के दशक में मिली, अटल जी और राजकुमारी कौल दोनों कॉलेज में अच्छे दोस्त हुआ करते थे, लेकिन ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई, दोनों को पता ही नहीं चला, वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने बताया था कि ये वो दौर था, जब लड़का-लड़की के बीच आपस में बात करना अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन अटल और राजकुमारी की खूबसूरत प्रेम कहानी थी।

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अटल ने लिखा पत्र
उस दौर में प्यार के पंछी लफ्जों में नहीं बल्कि इशारों में बातें करते थे, आंखों ही आंखों में दिल के जज्बात बयां किये जाते थे, तब लड़कियों से बात करना अच्छा नहीं माना जाता था, कलम के सिपाही अटल ने हिम्मत दिखाते हुए अपने दिल का हाल पत्र में लिख डाला, उन्होने राजकुमारी को पत्र लिखा, लेकिन राजकुमारी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, तो अटल निराश हो गये, रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि अटल इस रिश्ते के टूटने से इतने दुखी थे, कि उन्होने कभी शादी नहीं की, इसके बाद उन्होने अपना जीवन जनसंघ और राजनीति में लगा दिया।

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राजकुमारी की शादी
एक तरफ अटल जी राजनीति में नये-नये कीर्तिमान गढ रहे थे, लेकिन वो अपने प्यार को नहीं भूले, तो दूसरी ओर राजकुमारी के सरकारी अधिकारी पिता ने उनकी शादी एक युवा कॉलेज प्रोफेसर ब्रिज नारायण कौल से कर दी, राजकुमारी अटल जी से शादी करना चाहती थी, लेकिन घर में इस बात का पुरजोर विरोध हुआ, अटल जी ब्राह्मण थे, लेकिन कौल खुद को बेहतर कुल का मानते थे, इसी वजह से उनकी शादी प्रोफेसर ब्रिज नारायण कौल से हो गई।

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एक दशक बाद मुलाकात
राजकुमारी को दिल्ली के राजनीतिक हलकों में लोग मिसेज कौल के नाम से जानते थे, हर किसी को मालूम था कि वो अटल जी के लिये सबसे प्रिय हैं, अपनी-अपनी दुनिया में खो जाने के बाद दोनों करीब डेढ दशक बाद फिर मिले। अपने पति के साथ राजकुमारी दिल्ली आ गई, उनके पति रामजस कॉलेज में फिलॉस्फी पढाते थे, जहां वो कॉलेज के हास्टल वार्डन भी थे, बाद में राजकुमारी अटल जी के साथ रहने लगी, मोरारजी देसाई सरकार में अटल जी विदेश मंत्री बनें, साथ रहने लगे।

शादी नहीं की
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लुटियंस जोन के बंगले में राजकुमारी अटल के साथ रहने लगी, कॉलेज की मित्र राजकुमारी से भले उनका विवाह नहीं हो सका, लेकिन दोनों साथ रहे, दोनों ने अपने रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया, लेकिन कहा जाता है कि जब भी कोई राजकुमारी से पूछता था, तो वो खुद को अटल जी की दोस्त और रिश्तेदार बताती थी, अटल जी का राजनीतिक कद इतना बड़ा था, कि कभी विरोधी दल और मीडिया ने उनकी निजी जिंदगी में तांक-झांक नहीं की।