Opinion – केरल से सीखे सारा देश

अदालत ने प्रत्येक फ्लैट-मालिक को 25-25 लाख रु. का हर्जाना देने का आदेश दिया और आखिरकार इन भव्य भवनों को गिरवा दिया।

New Delhi, Jan 14 : केरल में कल-परसों ऐसा काम हुआ है, जो पूरे देश में बड़े पैमाने पर होना चाहिए। कोची के समुद्रतट के किनारे चार गगनचुंबी भवनों को कुछ ही सेकेंड में जमीदोज़ कर दिया गया। ये भवन 17 से 19 मंजिले थे। इनमें तीन सौ से ज्यादा फ्लैट बने हुए थे। इन फ्लैटों में 300 से ज्यादा परिवार कई वर्षों से रह रहे थे। इन फ्लैटों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत गिराया गया। ये फ्लैट निजी बिल्डरों ने गैर-कानूनी ढंग से बनाकर लोगों को कई वर्ष पहले बेच दिए थे। इन्हें बनाने की इजाजत केरल के नौकरशाहों ने दी थी।

Advertisement

जब इनके खिलाफ मुकदमा चला तो उच्च न्यायालय ने इन्हें निर्दोष पाया लेकिन सबसे बड़ी अदालत के सामने यह मामला टिक नहीं पाया। साल भर पहले उसने इन गैर-कानूनी फ्लैटों को गिराने का फैसला दिया। फ्लैट के निवासियों ने काफी शोरगुल मचाया, काफी उठा-पटक की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला।

Advertisement

अदालत ने प्रत्येक फ्लैट-मालिक को 25-25 लाख रु. का हर्जाना देने का आदेश दिया और आखिरकार इन भव्य भवनों को गिरवा दिया। इतने बड़े पैमाने पर अवैध भवन गिरवाने का कारनामा पहली बार हुआ है। अभी तो ऐसे सिर्फ चार भवन ही गिरे हैं, अभी देश में ऐसे ही हजारों भवन हैं, जिन्हें तुरंत गिराया जाना चाहिए। कई पड़ौसी देशों का हाल हमसे भी बुरा है। ऐसे अवैध भवनों से प्राकृतिक संपदा की हानि तो होती ही है, आम नागरिकों के हक भी मारे जाते हैं।

Advertisement

ऐसे भवनों को सिर्फ गिरवा देना काफी नहीं है। जिन नौकरशाहों ने इनकी अनुमति दी है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे अवैध भवन-निर्माताओं को भी कठोर सजा मिलनी चाहिए। पैसों के लालच में वे इतने पागल हो गए थे कि उन्होंने अदालत के आदेश के बावजूद अपना निर्माण-कार्य जारी रखा। उनसे भी कम से कम आधा जुर्माना लिया जाना चाहिए था।

(वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
Tags :