NRC- बाप , दादा, परदादा सब हिंदू और मैं मुसलमान, मेरा क्या होगा?

NRC- दिल्ली के जामिया नगर इलाके के जोगाबाई में रहने वाले शख्स अब्दुल गफ्फार सोलंकी ने बताया कि उनका पूरा खानदान अलीगढ जिले के कसीरु गांव से ताल्लुक रखता है।

New Delhi, Jan 15 : संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर पूरे देश में धरना-प्रदर्शन जारी है, सीएए और एनआरसी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं, ऐसे में सरकार और विपक्ष के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जो आपको ना सिर्फ हैरान करेगा, बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर देगा।

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परदादा हिंदू थे
दरअसल दिल्ली के जामिया नगर इलाके के जोगाबाई में रहने वाले शख्स अब्दुल गफ्फार सोलंकी ने बताया कि उनका पूरा खानदान अलीगढ जिले के कसीरु गांव से ताल्लुक रखता है, उनके पिता और दादा के अलावा परदादा गैर मुस्लिम यानी हिंदू थे, लेकिन अब सीएए और एनआरसी को लेकर उन्हें समझ नहीं आ रहा, कि उनके साथ क्या होगा। क्या उन्हें मुस्लिम तबके में रखकर कानून के तहत उन्हें जन्म का प्रमाणपत्र देना होगा, या फिर हिंदू होने के नाते उन्हें छूट मिलेगी, उनकी नागरिकता को खतरा है?

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धर्म परिवर्तन कर लिया
अब्दुल गफ्फार सोलंकी ने बताया कि मेरे परदादा का नाम सखा सिंह सोलंकी, दादा का नाम तेज सिंह सोलंकी था, पिता का नाम भगवती प्रसाद सोलंकी है, हमारा पूरा खानदान 1947 के बाद मुसलमान हो गया, हमने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था, लेकिन अब मुझे समझ नहीं आ रहा, कि मैं और मेरा परिवार किस ओर जाएं।

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दादा- परदादा हिंदू
गफ्फार ने कहा कि अगर पचास साल पुराना रिकॉर्ड दिखाया जाए, तो मेरे बाप दादा का नाम हिंदू है, मैं सिर्फ एक मुसलमान हूं, मेरे परिवार ही नहीं बल्कि मेरे ताई, चेचेरे भाई, बहन से लेकर करीब डेढ सौ लोगों के सामने ये बड़ा सवाल है कि आखिर हमारा क्या होगा, हमें हिंदू माना जाएगा, या मुसलमान।

किस वर्ग में रखूं
गफ्तार सवाल करते हुए कहा कि मैं सरकार और गृहमंत्री अमित शाह जी से ये जानना चाहता हूं, कि मैं अपने जैसे भाइयों को किस वर्ग में रखूंगा, मेरे परिवार के लोगों के सामने बड़ी समस्या है, क्योंकि पुराने कागजों में सब हिंदू हैं, और अब हम मुसलमान बन चुके हैं।