50 की औसत से 8 हजार रन, अब ठोंका तिहरा शतक, लेकिन IPL में नहीं मिला खरीददार

मध्य क्रम बल्लेबाज को टीम इंडिया में आखिरी बार 2015 में मौका मिला था, तब टीम ने जिम्बॉब्बे का दौरा किया था।

New Delhi, Jan 21 : लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज मनोज तिवारी आईपीएल में नहीं खरीदे जाने से निराश हैं, रणजी ट्रॉफी में सोमवार को बंगाल की ओर से खेलते हुए उन्होने तिहरा शतक लगाया, उन्होने हैदराबाद के खिलाफ नाबाद 303 रनों की पारी खेली, हालांकि ये प्रदर्शन भी शायद ही तिवारी को टीम इंडिया में जगह दिला पाये, इस पारी के बाद मनोज तिवारी ने कहा कि आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलने की बात पचाना मुश्किल है, निसंदेह बुरा लगता है, जब आप इतने सारे युवाओं को खेलते देखते हैं, और आप घर पर बैठकर उन्हें देख रहे होते हैं, वो शॉट मैं लगा सकता था, मेरे लिये ये कटु सत्य है।

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तिहरा लगाने वाले बंगाल के दूसरे बल्लेबाज
मनोज तिवारी रणजी ट्रॉफी में बंगाल की तरफ से तिहरा शतक ठोंकने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं, उनसे पहले साल 1998 में देवांग गांधी ने 323 रनों की पारी खेली थी, मनोज तिवारी भारतीय टीम में वापसी को लेकर आशावादी हैं, वो चाहते हैं कि सलेक्टर उनकी निरंतरता और क्वालिटी पर विचार करें। तिवारी ने कहा कि इस समय टीम जीत रही है, जिस तरह से टीम इंडिया आगे बढ रही है, उसे देखते हुए मेरी वापसी मुश्किल है, लेकिन इस दुनिया में कुछ भी हो सकता है, आत्मविश्वास ही मेरी ताकत है, मुझे हमेशा उम्मीद रखनी होगी, मेरे लिये उम्र सिर्फ एक नंबर है।

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2015 से बाहर
मध्य क्रम बल्लेबाज को टीम इंडिया में आखिरी बार 2015 में मौका मिला था, तब टीम ने जिम्बॉब्बे का दौरा किया था, इससे पहले उन्हें 2011-12 में खेलने का मौका मिला था, लेकिन ज्यादा मैच में नहीं उतारा गया, उसी दौरान उन्होने चेन्नई वनडे में वेस्टइंडीज के खिलाफ 104 रनों की पारी खेली, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बाहर कर दिया गया।

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खुद को नहीं चुन सकता
उन्होने आगे कहा कि मेरी वापसी के बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है, मैं खुद को तो नहीं चुन सकता, लेकिन अगर किसी ने 50 से ज्यादा के औसत से 8 हजार से ज्यादा रन बनाये हैं, तो आपको निरंतरता, पारियों की क्वालिटी को देखना चाहिये, ना कि व्यक्तिगत स्कोर को, मैंने हमेशा मेरी काबिलियत और कड़ी मेहनत पर भरोसा किया है, मेरा काम रन बनाना और टीम को जिताना है।