दिल्ली चुनाव- नामांकन के आखिरी दिन AAP ने काटा जितेन्द्र तोमर का टिकट, फिर भी हो रही आलोचना

जितेन्द्र सिंह तोमर को 2015 में केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था, लेकिन जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया।

New Delhi, Jan 22 : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने त्रिनगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी पूर्व मंत्री जितेन्द्र तोमर की जगह उनकी पत्नी प्रीति तोमर को उम्मीदवार बनाया है, आपको बता दें कि 2015 में त्रिनगर सीट से जितेन्द्र तोमर जीते थे, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने उनका निर्वाचन रद्द कर दिया है, उन पर चुनावी हलफनामे में फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र देने का आरोप है, तोमर केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं, मामले के उजागर होने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

Advertisement

गलत जानकारी देने का आरोप
दिल्ली त्रिनगर विधानसभा सीट से 2015 में चुनाव जीतने वाले जितेन्द्र तोमर पर आरोप है कि उन्होने चुनावी हलफनामे में अपनी शिक्षा को लेकर गलत जानकारी दी थी, वैसे आम आदमी पार्टी ने 2020 विधानसभा चुनाव के लिये भी उन पर भरोसा जताया था, लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद नामांकन के आखिरी दिन उनका टिकट काटकर उऩकी पत्नी को मैदान में उतारा गया।

Advertisement

टिकट देने पर सवाल
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में कुछ नाम ऐसे हैं, जिन पर पिछले पांच साल से मीडिया में चर्चा होती रही, इन्हीं में से एक नाम जितेन्द्र तोमर का भी है, आम आदमी पार्टी द्वारा दोबारा उन्हें टिकट दिये जाने के बाद बीजेपी और दूसरे दलों ने सवाल खड़े किये, इस पर आप बैकफुट पर आ गई, इसके बाद उनका टिकट काटकर पत्नी को टिकट देने का फैसला लिया गया।

Advertisement

क्या था पूरा मामला
दरअसल जितेन्द्र सिंह तोमर को 2015 में केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था, लेकिन जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया, हालांकि कुछ समय बाद उन्हें जमानत मिल गई, फिर विपक्ष के सवाल खड़े करने के बाद उन्हें दिल्ली सरकार में कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, तोमर पर फर्जी डिग्री का मामला अभी भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है, हालांकि तोमर ने मामले को राजनीतिक साजिश बताया है, पुलिस ने डिग्री मामले की जांच के लिये भागलपुर विश्वविद्यालय में भी छानबीन की थी।