शाहीन बाग में रवीश कुमार बनाम दीपक चौरसिया, प्रदर्शनकारियों का दोहरा चरित्र, वीडियो
वीडियो देखने के लिये नीचे स्क्रॉल करें
दीपक चौरसिया ने आरोप लगाया कि 24 जनवरी को शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने उन पर हमला किया, उनको रिपोर्टिंग के दौरान भीड़ ने पीटा।
New Delhi, Jan 25 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है, कई चर्चित पत्रकार भी इस प्रदर्शन को कवर करने के लिये पहुंच रहे हैं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ बदसलूकी कर रहे हैं, सोशल मीडिया पर इस वीडियो पर खूब अजब-गजब कमेंट हो रहे हैं।
रवीश कुमार भी वीडियो में
आपको बता दें कि शाहीन बाग चर्चित पत्रकार रवीश कुमार भी पहुंचे थे, उन्होने भी वहां की स्थिति दिखाने की कोशिश की, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें पहले रवीश कुमार हैं, जो वहां की स्थिति बता रहे हैं, लोग उनके साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं, इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा जा रहा है कि भारतीय टीवी मीडिया पर दो खेमों में बंट चुका है, एक के साथ सहयोग और दूसरे के साथ दुर्व्यवहार।
दीपक चौरसिया के साथ बदसलूकी
दीपक चौरसिया ने आरोप लगाया कि 24 जनवरी को शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने उन पर हमला किया, उनको रिपोर्टिंग के दौरान भीड़ ने पीटा, उनके कैमरे को तोड़ दिया गया, साथ ही लूटपाट को भी अंजाम दिया गया, उन्होने इस बाबत पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया है।
माइक छीनने की कोशिश
दीपक चौरसिया ने ट्विटर पर लिखा है, कि सुन रहे हैं कि संविधान खतरे में है, सुन रहे हैं कि लड़ाई प्रजातंत्र को बचाने की है, जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज को देश को दिखाने पहुंचा, तो वहां मॉब लिचिंग से कम कुछ नहीं मिला। इसके साथ ही उन्होने वीडियो भी पोस्ट किया है।
https://twitter.com/SwamiGeetika/status/1220897770090811392
मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (दक्षिण पूर्व) चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया से मारपीट और कैमरे छीनने के मामले में कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है, दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी, पुलिस ने आईपीसी की धारा 394 (लूट के दौरान चोट पहुंचाने) के तहत मामला दर्ज किया है, वीडियो देखने के लिये नीचे क्लिक करें
सुन रहे हैं कि संविधान ख़तरे में है, सुन रहे हैं कि लड़ाई प्रजातंत्र को बचाने की है! जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज़ को देश को दिखाने पहुँचा तो वहाँ मॉब लिंचिंग से कम कुछ नहीं मिला! #CAAProtests #ShaheenBagh pic.twitter.com/EhJxfWviTp
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 24, 2020