Opinion – दिल्ली में चुनाव नहीं होता तो अरविंद केजरीवाल शरजील इमाम को भी बचा लेते

पहले दिन से आज तक मैंने बार-बार कहा कि मुसलमान भाइयो-बहनो, आप खुद को इस्तेमाल न होने देना, क्योंकि इससे आपको सिर्फ़ बदनामी मिलने वाली है।

New Delhi, Jan 29 : अगर दिल्ली में चुनाव नहीं होता तो अरविंद केजरीवाल शरजील इमाम को भी बचा लेते, जैसे वे जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों की फाइल पर साल भर से कुंडली मारकर बैठे हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि अगर अरविंद केजरीवाल जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों को नहीं बचाते तो आज शाहीन बाग में देशविरोधी लोगों का ऐसा जमावड़ा न लगता।

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तीसरा पहलू तो यह है ही और किसी से छिपा भी नहीं है कि जामिया से लेकर शाहीन बाग तक जो कुछ भी हुआ है, उसमें पूरी तरह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का ही हाथ है।

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चौथा पहलू यह है जो मैं बार बार कह रहा हूँ कि इन स्वार्थी सियासतदानों और अपने फ़र्जी रहनुमाओं के चक्कर में आज मुस्लिम भाइयों-बहनों की हालत सांप-छछूंदर जैसी हो गई है। जिस चीज़ से उन्हें कोई नुकसान न था, उसके विरोध में देश भर में हिंसा करने के लिए उन्हें भड़काया गया है और उनके कंधों का इस्तेमाल किया गया है।

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पहले दिन से आज तक मैंने बार-बार कहा कि मुसलमान भाइयो-बहनो, आप खुद को इस्तेमाल न होने देना, क्योंकि इससे आपको सिर्फ़ बदनामी मिलने वाली है। अभी उन्हें हमारी बात रास नहीं आ रही, लेकिन जल्द ही उन्हें अहसास हो जाएगा कि हमने सही कहा था।

(वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)