जदयू से निकाले जाने के बाद अब इस पार्टी में शामिल हो सकते हैं प्रशांत किशोर, मिल गया इशारा

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए के खिलाफ पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।

New Delhi, Jan 30 : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद ये साफ हो गया है, कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिये जदयू ज्यादा सुरक्षित नहीं है, उन्हें 29 जनवरी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया, ऐसे में अब पीके के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगनी शुरु हो गई है, सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है, कि प्रशांत ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं, हालांकि इस मसले पर टीएमसी के शीर्ष नेता साफतौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं, लेकिन टीएमसी में उनके जाने की संभावनाओं को खारिज भी नहीं किया जा सकता।

Advertisement

चुनावी रणनीतिकार हैं पीके
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर इन दिनों टीएमसी के लिये चुनावी रणनीति बना रहे हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह पीके भी सीएए और एनपीआर का खुलकर विरोध कर रहे हैं, दूसरी ओर जदयू ने संसद में सीएए का समर्थन किया था, जिसके खिलाफ पीके ने बयानबाजी की थी।

Advertisement

ममता बनर्जी से हैं बेहतर संबंध
टीएमसी सूत्रों के मुताबिक सीएम ममता बनर्जी से प्रशांत किशोर के अच्छे संबंध हैं, टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पीके ने पार्टी के लिये अच्छा काम किया है, अब टीएमसी से जुड़ेंगे या नहीं इस बारे में खुद प्रशांत किशोर को और पार्टी नेतृत्व को फैसला लेना है।

Advertisement

खुले दिल से स्वागत
नाम ना लिखने की शर्त पर टीएमसी के एक नेता ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर टीएमसी की सदस्यता लेना चाहते हैं, तो उऩका खुले दिल से स्वागत है, क्योंकि उनके जैसा रणनीतिकार अगर 2021 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से जुड़ें, तो पार्टी को फायदा ही होगा।

भारी पड़ी बयानबाजी
मालूम हो कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए के खिलाफ पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे, नीतीश कुमार मामले पर चुप्पी साधे हुए थे, बाद में नीतीश कुमार ने साफतौर से कहा कि वो ऐसे किसी व्यक्ति को पार्टी में बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो पार्टी लाइन से हटकर सार्वजनिक बयान देता हो, जिसको जहां जाना है, जाए, अगर पार्टी में रहना है, तो उनके नियमों के अनुसार रहना होगा।