उर्मिला मातोंडकर CAA के विरोध में कर गई बड़ी गलती, स्मिता ने ट्वीट कर खोली पोल, हो रही जमकर ट्रोल

लोगों को संबोधित करते हुए उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि 1919 का रॉलेट एक्ट और 2019 का सीएए ऐसे दो अधिनियम हैं, जिन्हें इतिहास में काले कानून के रुप में जाना जाएगा।

New Delhi, Jan 31 : बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने एक सार्वजनिक बैठक के दौरान नागरिकता कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होने इस कानून की तुलना 1919 क रॉलेट एक्ट से की है, आपको बता दें कि उर्मिला जिस बैठक में शामिल हुई थी, वो नागरिकता कानून, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ आयोजित किया गया था।

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काला कानून
लोगों को संबोधित करते हुए उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि 1919 का रॉलेट एक्ट और 2019 का सीएए ऐसे दो अधिनियम हैं, जिन्हें इतिहास में काले कानून के रुप में जाना जाएगा, सीएए गरीबों के खिलाफ है, जैसा कि कहा जा रहा है कि ये कानून मुस्लिम विरोधी है, हम ऐसा अधिनियम नहीं चाहते हैं जो धर्म के आधार पर मेरी पहचान और नागरिकता का पता लगाता हो, ये हमारे संविधान में है, आप धर्म, भाषा, लिंग या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते।

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क्या था रॉलेट एक्ट
रॉलेट एक्ट को काला कानून भी कहा जाता है, ये कानून ब्रिटिश सरकार ने भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को कुचलने के लिये बनाया था, ये कानून सर सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता वाली सेडिशन समिति की सिफारिशों के आधार पर बनाया गया था। इस कानून के तहत ब्रिटिश सरकार को ये अधिकार प्राप्त हो गया था, कि वो किसी भी भारतीय पर अदालत में बिना मुकदमा चलाये उसे जेल में बंद कर सकती थी।

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हो रही ट्रोल
आपको बता दें कि उर्मिला ने अपने संबोधन में कहा कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद 1919 में इस कानून को बनाया गया था, जबकि तब पहला विश्वयुद्ध खत्म हुआ था, इस गलती को लेकर उर्मिला को ट्विटर पर जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है, लोग उनसे पूछ रहे हैं कि स्क्रिप्ट समझ नहीं आई थी, या गलत स्क्रिप्ट ही दे दिया गया था।

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