केजरीवाल ने उतारे सबसे ज्यादा आपराधिक रिकॉर्ड और करोड़पति उम्मीदवार, ADR रिपोर्ट में बड़ा दावा
एडीआर के रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि 672 उम्मीदवारों में से 133 (20 फीसदी) उम्मीदवारों ने खुद ही अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं।
New Delhi, Feb 02 : एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) नाम की संस्था ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दागी उम्मीदवारों की सूची जारी की है, उनके मुताबिक चुनाव में आप के 25 फीसदी प्रत्याशी और बीजेपी के 20 फीसदी प्रत्याशियों ने अपने चुनावी हलफनामों में ये घोषणा की है, कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, कांग्रेस के भी 15 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ मामले दर्ज हैं, मालूम हो कि 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव होना है, इस बार 672 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
133 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले
एडीआर के रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि 672 उम्मीदवारों में से 133 (20 फीसदी) उम्मीदवारों ने खुद ही अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं, वहीं साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 673 उम्मीदवारों में से 114 (17 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी।
महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामले
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 32 उम्मीदवारों ने शपथ पत्र में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामले का उल्लेख किया है, जिसमें एक उम्मीदवार ऐसा भी है, जिस पर बलात्कार में शामिल होने का आरोप है, 4 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या की कोशिश से संबंधित मामले दर्ज हैं, 8 के खिलाफ अभद्र भाषा का आरोप है।
करोड़पति उम्मीदवार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में करोड़पति उम्मीदवार भी किस्मत आजमा रहे हैं, ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 243 है, दिल्ली के मुंडका विधानसभा से आप उम्मीदवार धर्मपाल लकड़ा सबसे अमीर प्रत्याशी (292 करोड़) हैं, तो आप की ही आरके पुरम से उम्मीदवार प्रमिला टोकस (80 करोड़) दूसरी सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। तो वहीं रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई से चुनाव लड़ रहे राजेश कुमार की कुल संपत्ति मात्र 3600 रुपये की है, वो इस चुनाव के सबसे गरीब उम्मीदवार हैं।
महिलाओं की भागीदारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी कम है, राजनैतिक दलों से हमेशा अपना प्रतिनिधित्व मांगने वाली महिला प्रत्याशियों की संख्या 79 (लगभग 12 फीसदी) है, चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या से साफ जाहिर हो रहा है कि आबादी के मुताबिक राजनीतिक भागीदारी में महिलाएं पीछे है।