निजाम फंड केस- कंगाली से जूझ रहे पाक को फिर मिली मात, भारत को मिले अरबों रुपये

अधिकारियों ने जानकारी दी कि पाक ने भी भारत सरकार को 2.8 मिलियन (करीब 26 करोड़ रुपये) चुकाये हैं, ये भारत द्वारा लंदन हाई कोर्ट में उस केस पर आये खर्च की 65 फीसदी लागत है।

New Delhi, Feb 14 : भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर से मात दी है, जी हां, लंदन में चल रहे निजाम फंड केस को भारत ने जीत लिया है, दरअसल हैदराबाद के निजाम का खजाना को लेकर भारत-पाक के बीच लंदन में केस चल रहा था, भारत को इसमें जीत मिली है, साथ ही केस लड़ने में खर्च 65 फीसदी हिस्सा (करीब 26 करोड़ रुपये) भी पाक को देने होंगे, आइये विस्तार से बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।

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भारत को मिलेंगे पैसे
लंदन में भारत सरकार के अधिकारियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बताया कि ब्रिटेन में हाई कमीशन को 35 मिलियन पाउंड (325 करोड़) अपने हिस्से के तौर पर मिले हैं, ये रकम 20 सितंबर 1948 को नेशनल वेस्टमिंस्टर बैंक अकाउंट में फंसा हुआ था, पाकिस्तान ने भी इस पैसे पर अपना दावा ठोंका था।

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भारत को मिली कानूनी खर्चे पर आई रकम
पिछले साल अक्टूबर में हाई कोर्ट भारत और मुकर्रम जाह (हैदराबाद के आठवें निजाम) के पक्ष में फैसला सुनाया था, मुकर्रम और उनके छोटे भाई मुफ्फखम जाह पाकिस्तान के खिलाफ लंदन हाई कोर्ट में पिछले 60 साल से ये मुकदमा लड़ रहे हैं, बैंक ने पहले ये पैसा कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था।

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26 करोड़ चुकाये
अधिकारियों ने जानकारी दी कि पाक ने भी भारत सरकार को 2.8 मिलियन (करीब 26 करोड़ रुपये) चुकाये हैं, ये भारत द्वारा लंदन हाई कोर्ट में उस केस पर आये खर्च की 65 फीसदी लागत है, बाकी बची हुई लागत ने भारत ने खुद भरी है, उस पर अभी बातचीत जारी है, लंदन में एक डिप्लोमेट ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि पाकिस्तान ने पूरा पैसा चुका दिया है।

क्या है 70 साल पुराना मामला
आपको बता दें कि 70 साल पुराना विवाद 1 मिलियन पाउंड और 1 गिन्नी का है, 20 सितंबर 1948 को हैदराबाद के तत्कालीन वित्त मंत्री मॉइन नवाज जंग ने भेजा, इसके बाद ये पैसा हैदराबाद के तत्कालीन वित्त मंत्री ने ब्रिटेन हाई कमिश्नर हबीब इब्राहिम को ट्रांसफर किया, तब से बढकर ये पैसा 35 मिलियन पाउंड हो चुका है, भारत ने इस पैसे पर दावा करते हुए कहा था कि 1965 में निजाम ने ये पैसा भारत को दिया था।