बीजेपी के विरोध से झुकी आम आदमी पार्टी, शपथग्रहण से पहले हुआ ये बदलाव

आम आदमी पार्टी सरकार के इस फैसले का दिल्ली बीजेपी ने जमकर विरोध किया था, दिल्ली की पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे विजेन्दर गुप्ता ने शुक्रवार को इस परिपत्र को तानाशाही कहा था।

New Delhi, Feb 16 : लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सरकार बनने से पहले ही एक फैसले की वजह से विवादों में घिरते दिख रहे हैं, दरअसल केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों के शामिल होने के मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार बैकफुट पर दिख रही है, अब सरकार ने शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति को निमंत्रण में बदल दिया है।

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अब नहीं लगेगी शिक्षकों की अटेंडेंस
नये आदेश के मुताबिक शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति को निमंत्रण में बदल दिया गया है, यानी अगर शिक्षक आना चाहें तो ठीक है, सरकार के नये फैसले में साफ-साफ कहा गया है कि अब रामलीला मैदान में शिक्षकों की एंट्री के दौरान अटेंडेंस नहीं लगाई जाएगी, अब शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों का आना स्वैच्छिक है, मालूम हो कि दिल्ली बीजेपी ने पहले सरकार के इस फैसले का विरोध किया था।

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पहले जारी किया था आदेश
मालूम हो कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने रामलीला मैदान में 16 फरवरी को होने वाले केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण में स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को निमंत्रण दिया था, सर्कुलर के मुताबिक स्कूल के प्रधानाचार्यो, उप प्रधानाचार्यों, इंटरप्रेनरशिप माइंडसेट करिकुलम कोर्डिनेटर्स, हैप्पीनेस कोर्डिनेटर्स और शिक्षक विकास समन्यवयक समेत 20 लोगों को लाने के लिये कहा गया था, साथ ही ये भी कहा गया था कि रामलीला मैदान में शिक्षकों की एंट्री के दौरान उनकी हाजिरी ली जाएगी।

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बीजेपी ने बताया था तानाशाही
हालांकि सरकार के इस फैसले का दिल्ली बीजेपी ने जमकर विरोध किया था, दिल्ली की पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे विजेन्दर गुप्ता ने शुक्रवार को इस परिपत्र को तानाशाही कहा था, उन्होने कहा था कि इससे उनका ये विश्वास चकनाचूर हो गया है कि सत्ता में आने के बाद केजरीवाल का जोर शासन और लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत बनाने पर होगा, रोहिणी से नवनिर्वाचित विधायक ने कहा कि इस आदेश की वजह से 15 हजार शिक्षकों और अधिकारियों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना होगा।

कांग्रेस ने भी खोला था मोर्चा
इसके साथ ही शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को बुलाये जाने पर कांग्रेस ने भी केजरीवाल के खिलाफ हमला बोला था, कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के लिये दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भेजने का आदेश दिया गया है, ताकि शपथ ग्रहण में भीड़ जुटाई जा सके।