महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में फिर मतभेद! उद्धव ठाकरे ने कर दिया खेल

कांग्रेस और एनसीपी एनपीआर को एनआरसी का मुखौटा करार दे रही है, दोनों दल लगातार इसे लेकर सार्वजनिक रुप से आपत्ति जता चुके हैं।

New Delhi, Feb 16 : महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन उद्धव सरकार के साझेदारों के बीच फिर से तनातनी बढती दिख रही है, सीएम और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने एल्गार परिषद मामले पर यू-टर्न मारते हुए एनसीपी और कांग्रेस की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर आगे बढने का फैसला लिया है, कहा जा रहा है कि इससे एनसीपी कांग्रेस नाराज हो सकती है।

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1 मई से एनपीआर का काम शुरु
एक लीडिंग वेबसाइट के सूत्रों का दावा कि सीअम उद्धव ठाकरे प्रदेश में 1 मई से एनपीआर की प्रक्रिया शुरु करना चाहते हैं, वहीं सत्ता में शामिल कांग्रेस और एनसीपी इस पूरी कवायद का खुलेआम विरोध कर रही है। कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के फैसले के बाद टकराव बढ सकता है।

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एनआरसी का मुखौटा
कांग्रेस और एनसीपी एनपीआर को एनआरसी का मुखौटा करार दे रही है, दोनों दल लगातार इसे लेकर सार्वजनिक रुप से आपत्ति जता चुके हैं, एनसीपी नेता माजिद मेमन ने कहा था कि ये स्पष्ट है कि पार्टी एनपीआर का समर्थन नहीं करती है, तो एनसीपी चीफ शरद पवार भी इसे लेकर आपत्ति जता चुके हैं, वो कह चुके हैं कि इस मामले में ऐसा फैसला लिया जाएगा, जो तीनों पार्टियों को स्वीकार्य हो।

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सत्ताधारी गठबंधन में मतभेद
आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है, जब महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन में इस तरह के मतभेद दिखे हों, इससे पहले शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपे जाने पर उद्धव ठाकरे सरकार की आलोचना की थी, शरद पवार ने पत्रकारों से कहा था कि केन्द्र ने मामले की जांच पुणे पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपकर ठीक नहीं किया है, क्योंकि कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार का विषय है।

राज्य सरकार पर भी निशाना
इसके साथ ही शरद पवार ने ये भी कहा था कि मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपकर केन्द्र सरकार ने ठीक नहीं किया है, इससे भी ज्यादा गलत बात ये हुई कि राज्य सरकार ने इसका समर्थन किया, खटपट की खबर से महाराष्ट्र में सियासी पारा इन दिनों चढ गया है।