दुनिया का कोई दिग्गज नहीं कर सका ऐसा कारनामा, यूपी के इस गेंदबाज ने पहले ही मुकाबले में रचा इतिहास

रवि यादव पिछले तीन साल से एमपी टीम के साथ नेट बॉलर के रुप में जुड़े हुए हैं, अब उन्हें डेब्यू का मौका मिला।

New Delhi, Feb 20 : लगातार 3 गेंदों पर तीन विकेट लेकर हैट्रिक बनाना किसी भी गेंदबाज का सपना होता है, अगर ये हैट्रिक डेब्यू मैच में हासिल हो जाए, तो फिर इससे बेहतर शुरुआत क्या हो सकती है, इतना ही नहीं अगर ये हैट्रिक डेब्यू मैच के पहले ही ओवर में मिल जाए, तो फिर उसे आप क्या कहेंगे, जी हां, ये सच है, हाल ही में मौजूदा रणजी ट्रॉफी सीजन के दौरान एक अनजान गेंदबाज ने ये कारनामा कर दिखाया है, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू करने वाले गेंदबाज ने पहले ही ओवर में हैट्रिक लेने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है, इस युवा गेंदबाज की खूब चर्चा हो रही है।

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यूपी का तेज गेंदबाज एमपी में छा गया
आइये पहले आपको बताते हैं कि ऐसा विश्व रिकॉर्ड बनाने वाला गेंदबाज कौन है, यूपी के फिरोजाबाद के रहने वाले बायें हाथ के तेज गेंदबाज रवि यादव ने 28 साल की उम्र में एमपी के लिये रणजी ट्रॉफी मैच में डेब्यू किया, खास बात ये है कि रवि ने अपने गृह राज्य यूपी के खिलाफ ही ये असाधारण उपलब्धि हासिल की है।

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पहले ही ओवर में बन गये खतरनाक
27 जनवरी का दिन क्रिकेट के आंकड़ों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए बेहद खास साबित हुआ, इंदौर में खेले जा रहे मुकाबले के पहली दिन सातवें ओवर में रवि को आक्रमण पर लगाया गया, फिर क्या था, उन्होने इस ओवर की तीसरी गेंद पर यूपी के आर्यन जुयाल को विकेटकीपर के हाथों कैच करवाया, फिर अगली दो गेंदों पर अंकित राजपूत (0 रन) और समीर रिजवी (00 रन) को बोल्ड कर इतिहास रच दिया।

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क्या है रिकॉर्ड
अब जरा रिकॉर्ड बुक खंगालते हैं, करीब 80 साल पहले दक्षिण अफ्रीका के रिकी फिलिप्स ने भी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपने पहले ही ओवर में हैट्रिक (1939-40) ली थी, हालांकि इससे पहले उन्हें चार मैचों में गेंदबाजी का मौका नहीं मिला था, यानी जब उन्होने हैट्रिक ली, तो वो उनका पांचवां मुकाबला था, भले उन्होने पहले ओवर में ही हैट्रिक लिया हो।

भारतीय रिकॉर्ड
भारतीय गेंदबाजों की बात करें, तो सात और गेंदबाजों ने अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू में हैट्रिक विकेट लिया है, जिनमें जवागल श्रीनाथ, सलिल अंकोला, अभिमन्यु मिथुन जैसे नाम हैं, लेकिन रवि यादव का हैट्रिक सबसे अलग इसलिये है, क्योंकि उन्होने पहले ही ओवर में ऐसा कारनामा किया है।

3 साल से नेट बॉलर
मालूम हो कि रवि यादव पिछले तीन साल से एमपी टीम के साथ नेट बॉलर के रुप में जुड़े हुए हैं, अब उन्हें डेब्यू का मौका मिला, यूपी के लिये जूनियर क्रिकेट खेल चुके रवि ने अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी में डेब्यू किया था, तब उनका डेब्यू मैच एमपी के खिलाफ था, अब 11 साल बाद उसी एमपी की ओर से खेलते हुए उन्होने फर्स्ट क्लास में डेब्यू किया है, उन्होने बताया कि फिरोजाबाद में क्रिकेट के लिये माहौल नहीं है, उनका चयन स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ के लिये हो गया था, जहां वो 2004 से 2008 तक रहे, यहीं से आरपी सिंह और सुरेश रैना जैसे दिग्गज क्रिकेटर निकले हैं, हालांकि फिर 2010 से 2014 तक घुटने और पीठ दर्द की समस्या की वजह से क्रिकेट से दूर रहें।

क्रिकेटर बनने के लिये रेलवे की नौकरी छोड़ी
रवि पर क्रिकेट का ऐसा जुनून सवार था कि उन्होने इसके लिये रेलवे की नौकरी भी स्वीकार नहीं की, उन्होने बताया कि घर का बिजनेस नहीं चल रहा था, मुझे रेलवे से नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन मैंने ठुकरा दिया, ये पता चलने पर घर वाले काफी नाराज हुए, लेकिन मैं कर दिखाऊंगा, ये जिद थी और ऊपर वाले पर भरोसा था, कि वो एक मौका जरुर देंगे। एक दोस्त के कहने पर 2016 में मुरैना (मध्य प्रदेश) गया, जहां एमपीसीए के तहत डिस्ट्रिक्ट ट्रायल्स चल रहे थे, वहां सफल होने के बाद एमपी टीम के नेट बॉलर के तौर पर मौका मिला।