दिल्‍ली में बिगड़े हालातों के बीच बोले गडकरी, ‘5000 साल में कभी हिंदू राजा ने नहीं तोड़ी मस्जिद’

बीजेपी सरकार में केन्‍द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ये बयान उस समय आया है जब देश की राजधानी दिल्‍ली का एक हिस्‍सा हिंसा प्रभावित है और समुदाय के लोग सरकार से क्रोधित हैं ।

New Delhi, Feb 28: अखिल भारतीय स्वातंत्र्यवीर सावरकर साहित्य सम्मेलन में शामिल हुए बीजेपी सरकार में केन्‍द्र मंत्री नितिन गडकरी ने इतिहास का उदाहरण देते हुए कई बातें कहीं । दिल्‍ली में पिछले दिनों मची हिंसा के बीच गडकरी का ये बयान हैरान करता है क्‍योंकि वो एक केन्‍द्रीय मंत्री भी हैं । बहरहाल अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पिछले पांच हजार साल के इतिहास में ऐसी कोई घटना नहीं घटी कि कि हिंदू राजा ने किसी मस्जिद को तोड़ा हो या किसी को तलवार चलाने के लिए मजबूर किया हो।

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हिंदू परंपरा के उदाहरण
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हमारी हिंदू परंपरा-हमारी भारतीय परंपरा प्रगतिशील, समावेशी और सहिष्णु है। उन्‍होने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों को सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी धर्म के पवित्र स्थान का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी धर्म की महिलाएं हों, उन्हें माता की तरह सम्मान देना चाहिए। जनसत्‍ता वेबसाइट में आई इस खबर में आगे बताया गया है कि केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हमारी परंपरा न तो संकीर्ण है, न जातिवादी है, और न हीं सांप्रदायिक है।

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सावरकर को भूलना एक बड़ी भूल होगी
केन्‍द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यदि आप भविष्य में भारत को जीवित रखने की इच्छा रखते हैं, सावरकर  को भूल जाएंगे तो जो 1947 में एक बार हुआ, मुझे लगता है कि आगे भविष्य में दिन अच्छे नहीं होंगे। मैं यह बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूं। उन्‍होने कहा कि वीर सावरकर ने जिस राष्ट्रवादी अवधारणा दी थी, वह आज हमारे लिए आवश्यक है। हमने उस पर ध्यान नहीं दिया तो एक बार देश का बंटवारा होते देखा है। यदि फिर ऐसा होता है तो भारत सहित पूरी दुनिया में न समाजवाद रहेगा और न ही लोकतंत्र होगा और न ही धर्मनिरपेक्षता।

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सेक्युलर का मतलब समझाया
नितिन गडकरी ने यहां कहा कि सेक्युलर का मतलब सेक्युलरिज्म नहीं है । इसका अर्थ सभी का विश्वास है । उन्‍होने कहा कि यह एक प्रकार की शुद्ध हिंदू परंपरा है। हमने हमेशा सभी संस्कृतियों को सम्मान दिया है। हमारी विशेषता विविधता में एकता है। आज के परिदृश्य में हमें समावेशी, प्रगतिशील और सभी विश्वासों के साथ सही मायने में आगे बढ़ना है, हालांकि अल्पसंख्यक या किसी भी समूह को खुश करना सेक्युरिज्म नहीं होना चाहिए। इसके अलावा भी इस कार्यक्रम में केन्‍द्रीय मंत्री ने कई बातें कहीं ।