कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का केस चलाने की केजरीवाल सरकार ने दी मंजूरी, सीपीआई नेता का ट्वीट वायरल
कन्हैया कुमार ने एक और ट्वीट में लिखा, दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिये धन्यवाद।
New Delhi, Feb 29 : दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिये दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी है, दरअसल 2016 के इस मामले में कन्हैया कुमार के साथ जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, अब इस मामले पर कन्हैया कुमार ने दिल्ली सरकार को धन्यवाद कहते हुए ट्वीट किया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग
सीपीआई नेता ने अपने ट्वीट में लिखा है कि सेडिशन केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, इसमें त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिये है, ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन कानून का दुरुपयोग इस मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिये किया गया है।
दिल्ली सरकार को धन्यवाद
इसके साथ ही कन्हैया कुमार ने एक और ट्वीट में लिखा, दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिये धन्यवाद, दिल्ली पुलिस और सरकारी वकीलों से आग्रह है कि इस केस को गंभीरता से लिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो, और टीवी वाली आपकी अदालत की जगह कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए, इसके साथ ही उन्होने लिखा है सत्यमेव जयते।
राजद्रोह का आरोप
आपको बता दें कि जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर साल 2016 में जेएनयू कैम्पस में अफजल गुरु के समर्थन और देश विरोध में नारेबाजी करने तथा नफरत फैलाने का आरोप है, दिल्ली पुलिस ने सालभर बाद इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था, कन्हैया पर राजद्रोह समेत कई धाराएं लगाई गई है।
क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में कथित रुप से देश विरोधी नारेबाजी की गई, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित आनंद की कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी, जिसमें कन्हैया, उमर खालिद और अमिर्बान के अलावा 7 कश्मीरी छात्रों को आरोपी बनाया गया है।
सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020