सब्जियां बेच गुजारा करते थे पिता, बेटी ने शहर बदला, तेज गेंदबाज से स्पिनर बनी, अब विश्वकप में मचा रही धूम

कोच प्रफुल नाइक ने राधा यादव से कहा कि वो उन्हें अपने पिता से मिलवाये, प्रफुल उनकी प्रतिभा को तराशने का जिम्मा चाहते थे वो भी पिता की मंजूरी के साथ, राधा के पिता सब्जी बेचते थे।

New Delhi, Mar 03 : सफलता तो सभी को दिख जाती है, लेकिन उसके पीछे के संघर्ष को कम ही लोग जान पाते हैं, वुमेंस टीम इंडिया की खिलाड़ी राधा यादव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे महिला टी-20 विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ 23 रन देकर 4 विकेट झटकने वाली राधा के नाम की चर्चा तो हर जुबां पर है, लेकिन टेनिस बॉल में तेज गेंदबाज से स्पिनर बनने का सफर करने वाली राधा टीम इंडिया तक कैसे पहुंची, ये बेहद दिलचस्प है, आइये इस बारे में आपको बताते हैं।

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कोच ने क्रिकेट खेलते देखा था
एक समय क्रिकेटर रहे, फिर कोच बने प्रफुल नाइक को आज भी वो दिन अच्छे से याद है, जब साल 2012 में उन्होने बायें हाथ की स्पिनर राधा यादव को मुंबई के कांदिवली की एक बिल्डिंग में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते देखा था, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रफुल नाइक वहां अपनी भतीजी से मिलने गये थे, लेकिन उनकी नजर 11 साल की राधा पर ठहर गई, तब राधा ने आउट होने के बाद भी बैट नहीं छोड़ने वाले एक लड़के का कॉलर पकड़ रखा था, नाइक को उनके भीतर का जुनून अच्छा लगा।

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रेलवे में नौकरी मिल जाएगी
उन्होने राधा यादव से कहा कि वो उन्हें अपने पिता से मिलवाये, प्रफुल उनकी प्रतिभा को तराशने का जिम्मा चाहते थे वो भी पिता की मंजूरी के साथ, राधा के पिता सब्जी बेचते थे, शुरुआत में तो उन्होने नाइक को मना कर दिया, लेकिन फिर उन्होने अपना इरादा बदलते हुए कोच को मंजूरी दे दी, दरअसल उन्होने इन्होने बताया था कि रेलवे में नौकरी मिल जाएगी, बस आप मुझे राधा की जिम्मेदारी दे दीजिए। यहीं से राधा यादव की किस्मत पलट गई।

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श्रीलंका के खिलाफ 4 विकेट
विश्वकप में राधा ने श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में 23 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किये, उनकी गेंदबाजी की बदौलत ही टीम इंडिया ने श्रीलंका को 20 ओवर में 9 विकेट पर 113 रन पर ही रोक दिया था, बाद में शेफाली वर्मा ने 37 गेंदों में 47 रनों की तेज-तर्रार पारी खेलकर टीम को जीत तक पहुंचा दिया।

तेज गेंदबाज थी राधा
खास बात ये है कि राधा जब टेनिस बॉल से गली क्रिकेट खेलती थीं, तो लंबे रनअप के साथ तेज गेंदबाजी करती थी, लेकिन प्रफुल नाइक ने उन्हें अपना रनअप छोटा करने को कहा, फिर उन्होने राधा को स्पिन गेंदबाजी करने का सुझाव दिया, तो उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। राधा मुंबई में अंडर 16 के मिक्स्ड मुकाबलों में पृथ्वी शॉ और सरफराज खान जैसे क्रिकेटरों के साथ अपनी प्रतिभा की झलक दिखा चुकी हैं।

सबसे बड़ी मुश्किल
2015 में राधा यादव के सामने सबसे बड़ी मुश्किल तब आई, जब प्रफुल नाइक ने मुंबई छोड़ बड़ौदा जाने का फैसला लिया, राधा और नाइक की बेटी काफी अच्छी दोस्त बन गई थी, अचानक राधा का करियर शुरु होने से पहले ही खत्म होता दिख रहा था, लेकिन फिर राधा के पिता ने कहा कि वो राधा को भी अपने साथ ले जाएं, नाइक के मुताबिक चीजें इतनी आसान नहीं थी, पहले तो बड़ौदा क्रिकेट संघ से बात की, कि क्या राधा शहर बदल सकती है, इसके लिये एड्रेस प्रूफ की दरकार थी, इसके लिये मैं राधा का लीगल गार्जियन बन गया, मुंबई छोड़ हम बड़ौदा शिफ्ट हुए, ये उनके करियर के लिये अच्छा साबित हुआ, राधा ने पहले बड़ौदा अंडर 19 टीम की कमान संभाली, फिर टीम इंडिया में शामिल हुई।