ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के बेटे का बड़ा बयान, पिता ने कांग्रेस इसलिए छोड़ी क्‍योंकि परिवार

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़कर मध्‍य प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया । 18 साल से सिंधिया कांग्रेस के साथ थे । पिता के कांग्रेस छोड़ने पर उनके बेटे का बड़ा बयान आया है ।

New Delhi, Mar 12 : मंगलवार, होली के दिन कांग्रेस की होली के रंग में तब भंग पड़ गया जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया । सिंधिया के इस कदम की जहां हर ओर चर्चा हो रही है वहीं उनके बेटे महाआर्यमन ने भी ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है । सिंधिया के बेटे का बयान ये साफ बता रहा है कि उन्‍हें अपने पिता के फैसले पर गर्व है । उन्‍होने ट्वीट में ये भी बताया कि आखिर पिता को ये कदम क्‍यों उठाना पड़ा ।

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महाआर्यमन का ट्वीट
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने, बीजेपी ज्‍वॉइन करने पर उनके बेटे महाआर्यमन ने ट्विटर पर  रिएक्‍ट किया । उन्‍होने पोस्‍ट किया – ‘अपने लिए स्टैंड लेने के लिए मुझे अपने पिता पर गर्व है । एक विरासत से इस्तीफा देना आसान नहीं होता है । इतिहास इस बात की गवाही देता है कि मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा है । हम भविष्य में मध्य प्रदेश और भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे।’

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लगातार कर रहे थे ट्वीट
महाआर्यमन अपने पिता के हर कदम को फॉलो कर रहे थे । उनके इस ट्वीट से पहले भी जब उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना इस्तीफा सार्वजनिक किया था, तब भी महाआर्यमन ने लिखा था कि दुख की बात है कि बात यहां तक पहुंच गई । यानी कि वो अपने पिता के कदम से वाकिफ थे साथ ही कांग्रेस में क्‍या चल रहा है उस पर भी जानकारी बनाए हुए थे । आपको बता दें महाआर्यमन ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के बड़े बेटे हैं, उन्‍होने येले यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की है । वो अपने पिता जैसे ही प्रभावशाली दिखते हैं ।

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मध्‍य प्रदेश और सिंधिया
आपको बता दें कि कि मध्य प्रदेश की राजनीति में सिंधिया परिवार का अहम रोल रहा है । पहले राजमाता सिंधिया, फिर माधवराव सिंधिया, फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नाम राजनीति में रहे हैं । साल 2018 में ज्योतिरादित्य के बेटे महाआर्यमन सिंधिया पहली बार राजनीतिक रैली में हिस्सा लिया था । वो शिवपुरी की एक जनसभा में शामिल हुए थे । गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 22 कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भारी संकट में आ गई है ।