शत्रुघ्न सिन्हा को भतीजे तेजस्वी ने दिया जोरदार झटका, ‘खामोश’ हो गये छेनू भैय्या!

राजद के राज्यसभा सांसद और लालू यादव के करीबी कारोबारी प्रेमचंद गुप्ता को तो टिकट मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन नये खिलाड़ी अमरेन्द्रधारी सिंह की एंट्री हुई है।

New Delhi, Mar 13 : कांग्रेस जब कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने का गम मना रही है, ठीक उसी समय बिहार में उनकी पुरानी सहयोगी राजद ने जोर का झटका दिया है, राजद ने अपने हिस्से को दो राज्यसभा सीटों के लिये उम्मीदवारों के पर्चे दाखिल करवा दिये, जबकि कांग्रेस लालू की पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान किये गये वादों की याद दिलाती रह गई।

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किसको मिला टिकट
राजद के राज्यसभा सांसद और लालू यादव के करीबी कारोबारी प्रेमचंद गुप्ता को तो टिकट मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन नये खिलाड़ी अमरेन्द्रधारी सिंह की एंट्री हुई है, जो सभी को चौंका रहा है, दरअसल राजद के बड़े नेता भी इस नाम से अंजान हैं, क्योंकि पर्चा दाखिल करने से पहले किसी ने भी उन्हें देखा तक नहीं देखा था, कहा जा रहा है कि पिछले चार साल के अमरेन्द्रधारी सिंह लालू के करीबी बने हुए हैं।

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लालू की मुहर
अमरेन्द्रधारी सिंह राजधानी पटना के रहने वाले हैं और बड़े कारोबारी हैं, जाति से भूमिहार हैं, देश के कई हिस्सों में उनका कारोबार फैला हुआ है, राजद ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन के लिये अधिकृत किया था, लालू ने ही प्रेमचंद गुप्ता और अमरेन्द्रधारी सिंह की उम्मीदवारी पर मुहर लगाई है, गुरुवार को दोनों ने नामांकन दाखिल कर दिया।

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कांग्रेस को झटका
राजद के इस फैसले के बाद कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है, क्योंकि उन्हें भरोसा था कि राजद ने लोकसभा चुनाव के दौरान जो वादा किया था, उसके मुताबिक एक सीट कांग्रेस को देगी, बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा भेजकर सिंधिया के जाने के गम को कम किया जा सकता था, लेकिन कांग्रेस हाथ मलती रह गई और राजद ने वादा भूलाते हुए अपने दोनों उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया।

कांग्रेस के साथ-साथ शॉटगन भी हैरान
कांग्रेस और राजद का बिहार में लंबा साथ रहा है, हर बार कांग्रेस कहीं ना कहीं ठगा सा महसूस करती है, पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस कम से कम 14 सीटों पर अड़ी हुई थी, लेकिन उन्हें ये कहकर मनाया गया कि 1 सीट राज्यसभा का मिलेगा, लेकिन अब शायद तेजस्वी को अपना वादा याद नहीं है, दूसरी ओर शत्रुघ्न सिन्हा भी हैरान हैं, क्योंकि कहा जा रहा था कि कांग्रेस उन्हें राज्यसभा में लाएगी, ताकि वो सरकार के खिलाफ आवाज उठा सके, लेकिन तेजस्वी ने उन्हें जोरदार झटका दिया है।