कोराना वायरस पर इमरान खान ने रोया रोना, तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाया रास्ता
दोनों नेताओं के भाषण में जमीन आसमान का अंतर साफ नजर आ रहा था । फिलहाल ये भी जानना जरूरी है कि दोनों देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के आंकड़े में भी दोगुने का अंतर है।
New Delhi, Mar 21: चीन और इटली में तबाही मचाने वाले कोरानावायरस का खतरा अब दक्षिण एशिया में अपने पांव पसार रहा है । बीते दो हफ्तों में पाकिस्तान और भारत में तेजी से इस संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं । दोनों ही देशों के प्रमुखों ने अपने – अपने देशवासियों को संबेाधित कर इस महामारी से बचाव के तरीके बताए हैं । लेकिन दोनों के संबोधन में कितना फर्क था ये हम आपको बताते हैं ।
इमरान खान का रोना
एक तरफ जहां हमारे देश के प्रधानमात्री पीएम मोदी ने गुरुवार को इस संक्रमण से लड़ने के लिए देशवासियों को मजबूत संदेश दिया तो वहीं हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पीएम देशवासियों के सामने गरीबी का दुखड़ा सुनाते नजर आए । दोनों नेताओं के भाषण में जमीन आसमान का अंतर साफ नजर आ रहा था । फिलहाल ये भी जानना जरूरी है कि दोनों देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के आंकड़े में भी दोगुने का अंतर है।
पीएम ने की सार्क देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
आपको बता दें हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही सबसे पहले पहल की और सार्क देशों में इस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए पहल करते हुए सभी सदस्य देशों से वीडियो कांफ्रेंसिंग की और एकजुट होकर उपाय करने को कहा था। वहीं बात करें पाकिस्तान की तो वहां पर कुल 464 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा मामले सिंध में सामने आए हैं । मंगलवार को पीएम इमरान खान ने अपने देश को संबोधित किया था। लेकिन उनके इस संबोधन से साफ हो गया कि उनके पास इस बीमारी से लड़ने का कोई रोडमैप नहीं है ।
इमरान खान ने अपनी जनता को डराया
इमरान खान ने अपने संबोधन में ये कहकर लोगों की धड़कनें बढ़ा दीं कि पाकिस्तान गरीब मुल्क है और इसलिए वह देश में शटडाउन लागू नहीं कर सकते हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कर्ज देने वाली वित्तीय संस्थाओं से कर्ज माफ करने और रियायत देने की भी अपील की । इमरान खान का संबोधन कहीं ना कहीं सरकार की गरीबी का रोना रोता नजर आया । हालांकि दोनों ही नेताओं ने जमाखोरी के खिलाफ एक सी बात कही ।