गरीब लोगों की मदद के लिए सरकार का राहत पैकेज, मोदी सरकार का ये फैसला खुश कर देगा  

लॉकडाउन के बीच गरीबों की सांसे अटकी हुई है, घर का खर्च कैसे चलेगा, क्‍या होगा । परेशान ना हो, ये खबर पढ़ें और सब तक पहुंचाएं । राहत पैकेज का ऐलान हो चुका है ।

New Delhi, Mar 26: देश में 21 दिन तक लॉकडाउन है । कोरोना के संक्रमण को दूर करने का इससे बेहतर कोई उपाय है ही नहीं । लेकिन इस संकट की घड़ी में घर बैठकर गरीब परिवारों के भूखे मरने की नौबत ना आए इसके लिए मोदी सरकार ने अहम कदम उठाए हैं । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की, कोरोना संकट से निपटने के लिए वित्त मंत्री ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया । उन्‍होने यह भी कहा कि 80 करोड़ गरीब लोगों को 3 महीने तक 10 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल मुफ्त दिया जाएगा। सरकार किसी गरीब को भूखा सोने नहीं देगी।

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अगले 3 महीने तक फ्री सिलेंडर
लॉकडाउन से सबसे ज्‍यादा प्रभाव गरीब परिवारों को होगी, जहां रोज की कमाई से ही घर चलता है । ऐसे घरों में   जिन लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है, उन्हें राहत दी जाएगी । उज्‍जवला स्‍कीम के तहत अगले 3 महीने तक सिलेंडर दिया जाएगा । इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लाई जाएगी। जिसमें 80 करोड़ गरीब लोगों को राशन के अतिरिक्त 3 महीने तक 10 किलो गेहूं या चावल अतिरिक्त दिया जाएगा। इसके अलावा एक किलो दाल भी दी जाएगी।

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राहत पैकेज से राहत
वित्‍त मंत्री ने बताया कि किसानों के खाते में 2000 रु. की किश्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाल दी जाएगी, इससे 8.69 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। साथ ही मनरेगा के तहत मजदूरी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की गई । 3 करोड़ सीनियर सिटीजंस, विधवाओं, दिव्यांगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) का फायदा मिलेगा। साथ ही 3 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को 500 रुपए प्रति माह अगले 3 महीने तक दिए जाएंगे। 3 करोड़ सीनियर सिटीजंस, विधवाओं, दिव्यांगों को डीबीटी का फायदा मिलेगा, 1000 रुपए दिए जाएंगे।

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सरकार का बड़ा ऐलान, कई परिवारों में खुशी
वित्‍त मंत्री ने ऐसान किया कि बीपीएल परिवारों को अन्न, धन और गैस की दिक्कत नहीं होगी। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों को, जिनसे 7 करोड़ परिवार जुड़े हैं, बैंक से पहले 10 लाख का कर्ज मिलता था, अब 20 लाख का मिलेगा। सरकार अगले 3 महीने कर्मचारी और नियोक्ता का ईपीएफ योगदान देगी । पूरा 24% सरकार की तरफ से ही दिया जाएगा । सरकार की ओर से कहा गया कि 100 कर्मचारियों वाली कंपनियों को ईपीएफ का लाभ मिलेगा। 100 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों, 15000 से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों ईपीएफ का लाभ मिलेगा। वहीं निर्माण क्षेत्र से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे हैं, उन्हें मदद दी जाएगी। इनके लिए विशेष 31000 करोड़ रु. का फंड रखा गया है।