कोरोना- जिस दवा के मुरीद बने हैं डोनाल्ड ट्रंप, उसे गलती से भी ना लगाएं हाथ, नहीं तो …

सरकार ने ये स्पष्ट कहा है कि हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन का असर कम है, इस आधार पर इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ स्वास्थ्यकर्मी कर सकते हैं।

New Delhi, Apr 08 : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से हाइड्रट्क्सीक्लोरोक्विन दवा की मांग की है, ये दवा मलेरिया के मरीजों को दी जाती है, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस दवा की मांग किये जाने से पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि आखिर ये कौन सी दवा है, सवाल ये भी पूछे जाने लगे हैं कि क्या इस दवा से कोरोना का मुकाबला किया जा सकता है, हालांकि विशेषज्ञ के मुताबिक इस दवा के इस्तेमाल से आपके सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

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भारत सरकार ने किया स्पष्ट
आपको बता दें कि भारत सरकार ने पिछले दिनों ये स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और उनके संपर्क में आने वाले घर वालों को ये हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन दवा दी जाएगी, ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत किया जा सके।

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सिर्फ स्वास्थ्यकर्मी के लिये
सरकार ने ये स्पष्ट कहा है कि हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन का असर कम है, इस आधार पर इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ स्वास्थ्यकर्मी कर सकते हैं, वहीं भारतीय दवा उद्योग ने भी कहा है कि इस दवा का देश में पर्याप्त स्टॉक है, इसलिये घबराने की जरुरत नहीं है। आपको बता दें कि इस दवा के खाने के बाद कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसमें नाक बहना, पेट दर्द, और बार-बार शौच आना मुख्य है, साथ ही दवा का इस्तेमाल करने के बाद से ही असहनीय दर्द, पाचनतंत्र खराब होना तथा सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।

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क्या है हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा
अगर अमेरिकी संदर्भ में इस दवा की बात करें, तो साल 1955 में यहां इस दवा के इस्तेमाल को परमिशन दी गई थी, हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन 128वीं दवा है, जो अमेरिका में सबसे ज्यादा डॉक्टरों द्वारा प्रिफर किया जाता है, साल 2017 में अमेरिकी डॉक्टरों ने इस दवा को खूब लिखा, एक आंकड़ें के अनुसार कम से कम 55 लाख अमेरिकियों ने इस दवा का इस्तेमाल किया है।

मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल
हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन का ब्रांड नेम प्लक्वेनिल है, जिसका इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है, इसके साथ ही रिमोटाइड अर्थराइटिस और गर्भावस्था के दौरान जोड़ों में होने वाले दर्द का मुकाबला करने के लिये भी इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है,  डब्ल्यूएचओ ने इसे जरुरी दवाओं की सूची में शामिल कर रखा है, लेकिन बिना डॉक्टर के परामर्श के इसे लेने से मना किया जाता है।