कोविड-19 मरीज लाने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला, ड्राइवर को भागकर बचानी पड़ी जान

कोरोना संदिग्धों को लाने के लिये पहुंची 4 एंबुलेंस और उनकी सुरक्षा के लिये कई पीसीआर वैन मौके पर मौजूद थी, जिस पर स्थानीय लोगों ने ईंट और पत्थरों से हमला बोल दिया।

New Delhi, Apr 14 : झारखंड में कोरोना वायरस को लेकर हॉटस्पॉट बने राजधानी रांची के हिंदपीढी इलाके के लोगों ने कोरोना योद्धाओं पर पत्थर और ईंट बरसाये हैं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अलाके में तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद 13 अप्रैल की रात स्वास्थ्य विभाग की टीम इस इलाके में पहुंची, इस दौरान उनके साथ सुरक्षा बल की टीम भी मौजूद थी। लेकिन इसके बावजूद स्थानीय लोगों ने उनका जमकर विरोध किया।

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स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला
एक लीडिंग वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कुर्बान चौक के लोगों ने लाइट बुझाकर कोरोना पीड़ितों को अस्पताल ले जाने के लिये पहुंची टीम पर हमला बोल दिया, शरारती तत्वों का कहना था कि आधी रात में कोरोना पीड़ितों को ले जाना ठीक नहीं है, इसके लिये कोई समय निर्धारित होना चाहिये था, इसी वजह से एंबुलेंस के ड्राइवर को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।

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ईंट-पत्थरों से हमला
कोरोना संदिग्धों को लाने के लिये पहुंची 4 एंबुलेंस और उनकी सुरक्षा के लिये कई पीसीआर वैन मौके पर मौजूद थी, जिस पर स्थानीय लोगों ने ईंट और पत्थरों से हमला बोल दिया, एक एंबुलेंस को तोड़ दिया गया, हिंदीपीढी के लोगों का आक्रामक रुप देखकर एंबुलेंस ड्राइवर अनिल भेंगरा थाने में जाकर अपनी जान बचाई, वहीं पुलिस बल को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े।

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स्वास्थ्य और सफाईकर्मियों पर भी हो चुका है हमला
कोरोना पीड़ितों की बढती संख्या की वजह से पिछले 3 दिनों में पूरे हिंदीपीढी को सील कर दिया है, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम दिन-रात हिंदीपीढी को कोरोना मुक्त करने और स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने में लगी हुई है, लेकिन इस दौरान इन स्वास्थ्यकर्मियों और सफाई कर्मचारियों के साथ अभद्रता की कई घटनाएं सामने आ चुकी है।