शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों ने ली शपथ, सिंधिया का रखा गया खास ध्यान, वीडियो

बीजेपी खेमे ने तीन और कांग्रेस खेमे से बीजेपी में आये सिंधिया के दो करीबियों ने मंत्री के रुप में शपथ लिया, मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधने की भरपूर कोशिश की गई है।

New Delhi, Apr 21 : 28 दिनों के बाद एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का आज गठन हो गया, बीजेपी खेमे ने तीन और कांग्रेस खेमे से बीजेपी में आये सिंधिया के दो करीबियों ने मंत्री के रुप में शपथ लिया, मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधने की भरपूर कोशिश की गई है, बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा जो ग्वालियर चंबल संभाग और सवर्ण जाति से आते हैं, उनके अलावा मीना सिंह आदिवासी बहुल इलाके उमरिया जिले के मानपुर से विधायक हैं। एक समय बगावती तेवर दिखाने वाले कमल पटेल हरदा से विधायक हैं, वो ओबीसी जाति से आते हैं, सिंधिया गुट के तुलसी सिलावट पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं, वो मालवा के अनुसूचित जाति के बड़े नेता माने जाते हैं हैं, साथ ही गोविंद सिंह राजपूत बुदेलखंड से आते हैं, पिछली सरकार में इनके पास परिवहन और राजस् का जिम्मा था।

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ज्यादा बड़ा मंत्रिमंडल नहीं
हालांकि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से ये दावा किया जा रहा था कि शिवराज मंत्रिमंडल ज्यादा बड़ा नहीं होगा, इसमें कुल 6 से 7 लोग ही शामिल किये जाएंगे, साथ ही ये भी कहा जा रहा था कि कोरोना के मद्देनजर शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी चाहते हैं कि मंत्रिमंडल छोटा ही रहे, ताकि कामकाज सुचारू ढंग से चल सके।

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सिंधिया ने की अमित शाह से मुलाकात
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि कैबिनेट में उन विधायकों को भी जगह मिले, जो उनके साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सिंधिया ने इसे लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी, इसके साथ ही शुक्रवार को उन्होने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी यही बात दोहराई थी।

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कांग्रेस छोड़ बीजेमी में शामिल
मालूम हो कि सीएम कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से अनबन के बाद 11 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 कांग्रेस समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गया, बीजेपी में शामिल होने के बाद तुरंत इन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिससे कमलनाथ सरकार ने बहुमत खो दिया, विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले ही कमलनाथ ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के सीएम के रुप में शपथ लिया।