शोएब अख्तर ने कोरोना से 11 साल पहले ही ले लिया था सबक, तब हर किसी ने उड़ाई थी खिल्ली, वीडियो

शोएब अख्तर ने बताया कि उन्होने ये मुद्दा इसलिये उठाया था कि अगर किसी गेंदबाज को कोई बीमारी या वायरस है, तो वो अन्य खिलाड़ी को भी हो सकता है।

New Delhi, Apr 21 : कोरोना की वजह से क्रिकेट पूरी तरह से बंद हो गया है, अब गेंदबाजो के मन में सबसे बड़ा सवाल ये आ रहा है कि जब वो मैदान पर वापसी करेंगे, तो क्या गेंद को चमकाने के लिये अपने लार का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं, इन दिनों क्रिकेट जगत में ये मुद्दा बेहद गरमाया हुआ है, माना जा रहा है कि आईसीसी इस पर विचार कर रही है, इस बीच पाकिस्तानी पूर्व दिग्गज गेंदबाज ने खुलासा किया कि करीब 11 साल पहले उन्होने एक मीटिंग में ये मुद्दा उठाया था कि गेंद पर लार नहीं लगानी चाबिये, तो उनकी बात सुनकर वहां मौजूद अधिकारी हंसने लगे।

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मुद्दा उठाया था
शोएब अख्तर ने बताया कि उन्होने ये मुद्दा इसलिये उठाया था कि अगर किसी गेंदबाज को कोई बीमारी या वायरस है, तो वो अन्य खिलाड़ी को भी हो सकता है, लेकिन तब किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया, शोएब अख्तर के मुताबिक उस दौरान बर्ड फ्लू फैल रहा था, उनकी बात सुनकर लोगों ने हंसी उड़ाई थी, लेकिन अब एक बार फिर से इस मुद्दे पर खूब चर्चा हो रही है।

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लार का इस्तेमाल
आपको बता दें कि गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिये लार का इस्तेमाल करते हैं, क्रिकेट में ये बिल्कुल आम बात है, लेकिन कोरोना महामारी के बाद उन्हें गेंद को चमकाने के लिये इस तरीके के इस्तेमाल पर सोचना पड़ सकता है, माना जा रहा है कि पहले ही बल्लेबाजों के अनुकूल बन चुके खेल में उनकी मुसीबत और बढ सकती है, माना जा रहा है कि आईसीसी इस नियम पर विचार कर रही है और शायद गेंद पर लार लगाने पर प्रतिबंध हो जाए।

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आईसीसी को ही ढूंढना होगा विकल्प
शोएब अख्तर ने कहा कि अगर लार के इस्तेमाल पर बैन लगता है, तो आईसीसी को ही गेंद को चमकाने के लिये किसी पदार्थ का विकल्प देना चाहिये, उन्होने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या गेंदबाज अपनी पसीने का इस्तेमाल कर सकता है, उन्होने ये भी कहा कि इस बात से बचा नहींम जा सकता, क्योंकि खिलाड़ी अकसर अपना चेहरा छूते रहते हैं।

गेंद पर निगरानी बढी
2018 में दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण की वजह से गेंद की स्थिति की निगरानी बढ गई है, हालांकि गेंद पर अभी पसीने और लार का इस्तेमाल वैध है, लेकिन अब ये खतरा बनता दिख रहा है, कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए क्रिकेट के जल्द शुरु होने की संभावना नहीं है, वेंकटेश प्रसाद, प्रवीण कुमार और जेसन गिलेस्पी जैसे पूर्व तेज गेंदबाजों का मानना है कि जब दोबारा खेल शुरु होगा, तो खेल के नियम बनाने वाली संस्था को लार के इस्तेमाल को रोकना पड़ सकता है।