RSS ने तो आजादी की लड़ाई नही लड़ी लेकिन कांग्रेस ने तो आजादी के आंदोलन पर पानी डालने का ही काम किया

कांग्रेस के ही एक गुट ने गांधी के प्रस्ताव या फैसले का विरोध किया था लेकिन जिस कांग्रेस की स्थापना ही एक विदेशी ने की थी उसका मूल चरित्र तो भारतीय हो ही नही सकता था ।

New Delhi, Apr 22 : देश की आजादी में कांग्रेसियों का क्या योगदान है यह सामने आने लगा है । बात बात में आरएसएस को आजादी की लड़ाई में योगदान नही देने का व्यंग करने वाले कांग्रेसी अंग्रेजो के पिट्ठू कैसे थे यह पहले ही विश्वयुद्ध में दिख गया था । पहले विश्वयुद्ध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने ब्रिटेन का साथ देने की घोषणा की । खुद अहिंसा के पुजारी गांधी ने भी इसका प्रस्ताव रखा । प्रस्ताव ही नही रखा बल्कि अभियान भी चलाया ।

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गुलाम मानसिकता का खून कांग्रेसियों में दौड़ रहा था । ब्रिटेन खुद अचरज में था कि कैसे कांग्रेस ने उनका साथ देने का फैसला किया । काँग्रेसयो ने अपनी गलती छिपाने के लिए बाद में यह थ्योरी जोड़ दी कि ब्रिटेन का साथ देकर वे अपनी आजादी या स्वशासन की शर्त रखेंगे । दिलचस्प तो यह है कि ब्रिटेन की भारतीय सेना की जिस टुकड़ी का नेतृत्व जनरल डायर कर रहा था उसने ही विश्वयुद्ध खत्म होते ही जलियांवाला बाग कांड में हजारों निर्दोष भारतीयों की हत्या कर दी । जाहिर है या तो कांग्रेस ब्रिटेन की चमचई कर रही थी या जनरल डायर के झांसे में थी । गांधी ने तो ब्रिटेन के पक्ष में अभियान तक चलाया ।

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कांग्रेस के ही एक गुट ने गांधी के प्रस्ताव या फैसले का विरोध किया था लेकिन जिस कांग्रेस की स्थापना ही एक विदेशी ने की थी उसका मूल चरित्र तो भारतीय हो ही नही सकता था । इसलिए जानकार मानते हैं कि कांग्रेस कभी भी देशी चरित्र को लेकर चिंतित नही रहा । दुखद तो यह है कि ब्रिटेन की ओर से भारत के 8 लाख सैनिक लड़े जिसमे 47746 सैनिक मारे गए और 65000 घायल हुए । अगर इंडिया गेट जाइये तो लगभग 15 हजार शहीदों के नाम आप अभी भी देख सकते हैं । यह कितनी लाचारी की बात है कि जिन सैनिकों ने ब्रिटेन के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें हम देश के लिए शहीद बताते है । बहरहाल वे हमारे अपने थे , भारतीय थे इसलिए हम इसे बर्दाश्त करते हैं लेकिन इसके पीछे की साजिश तो कांग्रेस के नेताओ ने ( गांधी सहित ) की थी वे किस मुह से खुद को स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं ।

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आरएसएस ने तो आजादी की लड़ाई नही लड़ी लेकिन कांग्रेस ने तो आजादी के आंदोलन पर पानी डालने का ही काम किया । 47 हजार शहीदों की मौत का जिम्मेदार कौन है ? कांग्रेसी तर्क देते हैं कि पहले विश्व युद्ध में शामिल होने के बाद भारतीयों में आजादी का जज्बा जगा । लेकिन सच तो यह है कि अंग्रेजो ने युद्ध के बाद रौलेट एक्ट पारित कर दिया । युद्ध के कारण भारत की आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई। ब्रिटेन की वजह से भारत मे महामंदी आयी । भारत का इस विश्वयुद्ध में अपना कोई हित नही था लेकिन कांग्रेसी फैसले ने जान और माल की हानि करवाई । आज कांग्रेस खुद को आजादी का मसीहा बताने में लगा हुआ है । आगे के पोस्ट में मैं यह भी बताऊंगा कि ” दे दी हमे आजादी बिना खड्ग बिना ढाल …. ” की सच्चाई क्या है ।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)