चीन में कैसे पैदा हुआ कोरोना वायरस? वैज्ञानिक के हाथ लगा सबूत
रिसर्च करने वाले ने बताया कि साक्ष्य बता रहे हैं कि मर्स वायरस चमगादड़ों से ऊंटों में फैला और फिर ऊंटों से इंसान में इसका संक्रमण हुआ।
New Delhi, Apr 23 : दुनिया भर में महामारी का रुप ले चुके कोरोने का ओरिजिन को लेकर चल रही अटकलों के बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों के हाथ बेहद अहम जानकारी लगी है, अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना पहले जंगली जानवरों में पैदा हुई, फिर इससे इंसान संक्रमित हो गये, कोरोना से पूरा विश्व प्रभावित हैं, अब तक 1.83 लाख लोग जान गंवा चुके हैं, इतना ही नहीं आधी दुनिया लॉकडाउन में जिंदगी बिताने को मजबूर है।
चमगादड़ों से फैला है
एनबीटी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिसर्चकर्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी और पिछले एक दशक में आई संक्रामक रोगों का संबंध वन्यजीवों से है, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पाउला कैनन ने कहा कि हमने ऐसी परिस्थितियां पैदा की है, जिसमें मात्र कुछ समय के अंदर ही ये हो गया, ये कुछ समय बाद दोबारा होगा, वैज्ञानिक पूरी तरह से इस बात से आश्वस्त नहीं हैं कि ताजा संक्रमण कैसे हुआ, लेकिन उनका मानना है कि कोरोना घोड़े की नाल के आकार के चमगादड़ों से फैला है।
चमगादड़ से इंसान में फैला
पाउल कैनन के मुताबिक इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना चमगादड़ से इंसान में फैला है, रिसर्च करने वालों का कहना है कि चीन के वुहान शहर के एक मीट मार्केट से इंसानों में कोरोना फैला, इस मार्केट में जिंदा वन्यजीव बेचे जाते थे। उन्होने ये भी बताया कि इसी तरह का प्रकोप कुछ साल पहले भी मर्स और सार्स के दौरान हुए थे।
कई साक्ष्य मिले हैं
रिसर्च करने वाले ने बताया कि साक्ष्य बता रहे हैं कि मर्स वायरस चमगादड़ों से ऊंटों में फैला और फिर ऊंटों से इंसान में इसका संक्रमण हुई, वहीं सार्स के बारे में माना जा रहा है कि इसके वायरस चमगादड़ से बिल्लयों में फैले और वहां से इंसानों में प्रवेश कर गया, वैज्ञानिक ने बताया कि इबोला वायरस भी चमगादड़ों से ही इंसानों में आया था, इबोला साल 1976, 2014 और 2016 में अफ्रीका में फैल चुका है, उन्होने कहा कि हमें कोरोना के ऐसे कई जेनेटिक कोड मिले हैं, जो चमगादड़ों में पाये जाते हैं।
वुहान की लैब में पैदा किया गया कोरोना
आपको बता दें कि विश्वभर में कोरोना के ओरिजिन को लेकर बवाल मचा हुआ है, अमेरिका इस बात की जांच करा रहा है, कि वायरस कहीं चीन के वुहान शहर के लैब में तो पैदा नहीं किया गया, अमेरिकी खुफिया एजेंसी और वैज्ञानिक इसकी जांच में जुटे हुए हैं, दूसरी ओर चीन का दावा है कि कोरोना के लैब में पैदा किये जाने का आरोप सरासर बेबुनियाद है, डेली मेल के रिपोर्ट के अनुसार वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी में ये रिसर्च की जा रही थी, अमेरिकी सरकार ने इस रिसर्च के लिये बकायदा 10 करोड़ रुपये ग्रांट किये हैं।