देर रात 2 बजे इन्हें फोन किया करते थे इरफान खान, निधन के बाद अब खुला बड़ा राज

हाल ही में इरफान खान का निधन हो गया, उन्‍हें लेकर आ रही कई रोचक खबरों एक राज का भी खुलासा हुआ है । आगे पढ़ें, फैंस के लिए काफी इंट्रस्टिंग है ।

New Delhi, May 04 : लॉकडाउन के बीच बॉलीवुड पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा, पहले इरफान फिर ऋषि कपूर दुनिया को अलविदा कह गए । ऋषि कपूर की मौत के बाद तो इंडस्‍ट्री में शोक की लहर ही दौड़ गई, लोग इरफान खान के मरने का मातम तक नहीं मना पाए थे, उनके आंसू सूखे भी नहीं थे कि चेहेत सुपरस्‍टार चिंटू जी की मौत हो गई । एक बाद एक मिले इन झटकों ने फैंस को अंदर तक तोड़ दिया । लेकिन फिल्‍मों की ही लाइन है, शो मस्‍ट गो ऑन । दिन बीत रहे हैं और यादों में इरफान और ऋषि दोनों ही जीवंत हो रहे हैं । उनसे जुड़े कई किस्‍से भी सामने आ रहे हैं ।

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‘मैंने अपना छोटा भाई खो दिया’
इरफान के बेहद करीबी और बॉलीवुड में उन्हें पहचान दिलाने वाले डायरेक्टर आसिफ कपाड़िया ने उन्हें कुछ अलग ढंग से याद किया।इरफान खान    के निधन के बाद The Guardian को दिए अपने भावुक इंटरव्यू में निर्देशक आसिफ कपाड़िया ने इरफान से जु़ड़े कई राज खोले। इंटरव्यू के दौरान वो कई बार भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि मैंने अपना छोटा भाई खो दिया।

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‘अक्सर अपनी बीमारी के बारे में बात करते थे इरफान’
उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए जब इरफान लंदन गए थे तो वहां उनकी उनसे अक्सर मुलाकात होती थी। वो उनके घर आते थे। कभी कॉफी शॉप तो कभी पार्क में वो मिलते थे। इरफान अक्सर अपनी बीमारी के बारे में बात करते थे। कपाड़िया ने कहा कि वो मैंने पहली बार किसी को देखा था जो खुद हुए कैंसर को लेकर इतनी बात कर रहा हो। वो अपनी बामारी के बारे में सबकुछ जानना चाहते थे।

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‘देर रात 2 बजे किया करते थे फोन’
आसिफ ने आगे बताया कि कैंसर से लड़ रहे इरफान खान अंदर से बेहद मजबूत हो गए थे, वो इस बीमारी से मजबूती से लड़ रहे थे । अकसर उनका रात दो बजे फोन किया करते थे, घंटी बजती थी तो  मैं चिंतिंत होकर फोन उठाता था कि कहीं कुछ बुरा न हो गया हो । लेकिन फिर इरफान का जवाब आता था कि मैं आपको बहुत मिस कर रहा था और आपके साथ चैट करना चाहता हूं । देर रात बात करने करने के लिए मुझे फोन किया करते थे ।

मुंबई में पहली मुलाकात
आसिफ कपाडि़या ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात इरफान खान से मुबंई के एक होटल में हुई थी । उनका चेहरा और उनकी आंखें देखकर ही वो समझ गए थे कि उनकी फिल्म के किरदार के लिए इरफान से बेहतर कोई नहीं हो सकता। ये साल 2001 की बात है जब आसिफ अपनी फिल्म द वॉरियर के लिए लीड रोल तलाश रहे थे । फिल्‍म में कोई रोमांटिक गाना नहीं था, कोई डायलॉग नहीं था तो कोई हीरो इसे करना नहीं चाह रहा था । लेकिन इरफान ने इसके लिए हां की । इस फिल्म ने इरफान और निर्देशक आसिफ कपाड़िया को नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया । फिल्‍म के बाद इरफान के साथ काम करने वालों की लाइन लगने लगी ।