सरकार गंवाने के बाद पहली बार छलका कमलनाथ का दर्द, सिंधिया पर कसा तंज, अंदाजा नहीं था

इस सवाल-जवाब के दौरान कमलनाथ ने सिंधिया पर भी बिना नाम लिये निशाना साधा, उन्होने कहा कि जिन लोगों ने भी विधायकों को बरगलाया है, उन्हें जनता सबक सिखाएगी।

New Delhi, May 05 : मध्य प्रदेश में हाल ही में सत्ता गंवाने वाले पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का दर्द पहली बार छलका है, रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उन्होने पत्रकारों से बात की, उन्होने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा नहीं था कि उनकी पार्टी के 22 विधायक टूट जाएंगे, इसके साथ ही उन्होने बिना नाम लिये ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा ।

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भरोसा नहीं था
कमलनाथ ने कहा कि उनके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि 22 विधायक प्रलोभन की वजह से हमारा साथ छोड़ देंगे, उन्होने कहा कि उनके पास पूरी सूची है कि इन 22 विधायकों के सरकार द्वारा क्या-क्या काम किये गये हैं, खैर अब वो इन बातों पर नहीं जाना चाहते हैं। उन्होने आगे कहा कि आने वाले समय में एमपी में 24 सीटों पर उपचुनाव होना है, मतदाता जागरुक है, वो समझ चुके हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है, इसलिये कांग्रेस को उम्मीद है कि इनमें से ज्यादातर सीटों पर वो जीतेंगे और सरकार में उनकी वापसी होगी।

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नाराज थे विधायक
कमलनाथ सरकार के दौरान विधायक नाराज थे, इस सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होने कभी भी सरकार को आउटसोर्स नहीं किया, वो अपने फैसले खुद लेते थे, सलाह-मशविरा जरुरत करते थे, मंत्रियों, अधिकारियों के साथ बैठक करते थे, विधायकों से भी बातचीत करते थे, इसके साथ ही कमलनाथ ने ये भी स्वीकार किया, कि कुछ विधायक दुखी थे।

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शिवराज सरकार पर तंज
कोरोना संक्रमण को लेकर रोकने संबंधी सवालों के जवाब में कमलनाथ ने दावा करते हुए कहा कि उनकी सरकार में समय रहते कई कदम उठाये गये, कोरोना संबंधी पहला टेस्ट 19 मार्च को किया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने स्थिति काफी गंभीर कर दिया है, अस्पतालों में कोरोना के इलाज संबंधी पर्याप्त संसाधन ही नहीं है, इस संबंध में सरकार से सवाल पूछा जाना चाहिये।

सिंधिया पर तंज
इस सवाल-जवाब के दौरान कमलनाथ ने सिंधिया पर भी बिना नाम लिये निशाना साधा, उन्होने कहा कि जिन लोगों ने भी विधायकों को बरगलाया है, उन्हें जनता सबक सिखाएगी, आपको बता दें कि सिंधिया और कमलनाथ में लगातार मतभेद हो रहे थे, सिंधिया खुद और अपने समर्थक विधायकों की अनदेखी से नाराज थे, जिसके बाद उन्होने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने का फैसला लिया, इसके साथ ही 22 विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दिया, जिससे कमलनाथ सरकार गिर गई, और शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बना ली।